12वीं के बाद इन फील्ड में करियर बना पा सकते सकते है अच्छी जॉब

punjabkesari.in Monday, Jan 16, 2017 - 07:00 PM (IST)

नई दिल्ली : बोर्ड परीक्षाएं जल्द ही शुरु होने वाली है और बोर्ड परीक्षाएं खत्म होने के बाद सारे स्टूडेंटस अपने करियर बनाने के बारे में सोचने लगते है। कुछ स्टूडेंट्स एेसे होते है जो पहले से ही यह निर्धारित कर लेते है कि उन्हें 12वीं के बाद किस फील्ड में अपना करियर बनना है । लेकिन बहुत सारे विद्यार्थी एेसे भी होते है जो 12वीं के बाद भी यह नहीं तय कर पाते कि वह किस फील्ड में करियर बनाएं। कौन सा करियर उनके लिए सही रहेगा, किस विषय में पढाई करें की आगे एक अच्छी जॉब मिले, वे लोगों से डिस्कशन करते रहते है की हमारे लिए क्या अच्छा होगा। साथ ही साथ वे यह भी जानने की कोशिश में रहते है की आज के दौर में किस विषय की माग है। इसका स्कोप ज्यादा है। तमाम बातें सामने आती है और कई बार तो उन्हें टेंशन भी होने लगती है की क्या करे। लेकिन अगर आपके साथ भी एेसा है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं हैं। आज हम आपको बता रहें है कुछ ऐसे करियर कोर्सेज के बारे में जिनको करने के बाद आप है एक बेहतर जॉब पा सकते है 

नैनो-टेक्नोलॉजी
ग्लोबल इनफॉर्मेशन इंक की रिसर्च के मुताबिक, 2018 तक नैनो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। नैस्कॉम के मुताबिक 2015 तक इसका कारोबार 180 अरब डॉलर से बढ़कर 890 अरब डॉलर हो जाएगा। ऐसे में इस फील्ड में 10 लाख प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। 12वीं के बाद नैनो टेक्‍नोलॉजी में बीएससी या बीटेक और उसके बाद इसी सब्‍जेक्‍ट में एमएससी या एमटेक करके इस क्षेत्र में शानदार करियर बनाया जा सकता है।

स्पेस साइंस
यह बहुत ब्रॉड फील्ड है। इसके तहत कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लैनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी जैसे कई फील्ड्स आते हैं। इसमें तीन साल की बीएससी और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक के कोर्सेज खास तौर पर इसरो और बेंगलुरु स्थित IISC में कराए जाते हैं।

एस्ट्रो-फिजिक्स
अगर आप सितारों और गैलेक्‍सी में दिलचस्पी रखते हैं तो 12वीं के बाद एस्ट्रो-फिजिक्स में रोमांचक करियर बना सकते हैं। इसके लिए आप चाहें तो पांच साल के रिसर्च ओरिएंटेड प्रोग्राम (एमएस इन फिजिकल साइंस) और चार या तीन साल के बैचलर्स प्रोग्राम (बीएससी इन फिजिक्स) में एडमिशन ले सकते हैं। एस्ट्रोफिजिक्स में डॉक्टरेट करने के बाद स्टूडेंट्स इसरो जैसे रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में साइंटिस्ट बन सकते हैं।

एनवायर्नमेंटल साइंस
इस स्ट्रीम में पर्यावरण पर इंसानी गतिविधियों से होने वाले असर का अध्ययन किया जाता है। इसके तहत इकोलॉजी, डिजास्टर मैनेजमेंट, वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट, पॉल्यूशन कंट्रोल जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इन सभी सब्जेक्ट्स में एनजीओ और यूएनओ के प्रोजेक्ट्स बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में जॉब की अच्छी संभावनाएं हैं।
 


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