शिक्षा पर संकटः 8वीं कक्षा के 56% छात्रों की सामान्य गणित में हालत बदतर

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 11:09 AM (IST)

एजुकेशन डेस्कः प्रथम एनजीओ की एनुअल स्टेट ऑफ एजुकेशन 2018 रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक बच्चों की स्थिति देखने को मिली। बीते वर्षों के मुताबिक बच्चों के विकास और सीखने की क्षमता में गिरावट देखने को मिली। आपको बता दें कि रिपोर्ट में ये पाया गया कि 8वीं कक्षा के 56 प्रतिशत बच्चे भाग में कमजोर हैं वे तीन अंकों की संख्या को एक नंबर से भाग नहीं दे सकते। अगर बात पांचवीं कक्षा की करें तो 72 प्रतिशत बच्चों को भाग करने का मतलब ही नहीं पता।

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तीसरी कक्षा के छात्रों पर भी ये रिपोर्ट आई कि 70 प्रतिशत बच्चों को घटाना ही नहीं आता। गणित विषय पर इस तरह की खराब हालत देखने को मिली। छात्राओं की संख्या ज्यादा है लड़कों के सामने । लड़कों ने 50 प्रतिशत लड़के और लड़कियों में 44 प्रतिशत बच्चे सफलतापूर्वक भाग क पाए।  आपको बता दें कि बच्चो में पढ़ने की समस्या भी पाई गयी है। 27 प्रतिशत बच्चे पढ़ ही नहीं सकते। ये रिपोर्ट 28 राज्यों के 596 जिलों के माध्यम से बनाई गई है। इसमें 3 वर्ष से 16 वर्ष तक के 3.5 लाख परिवार और 5.5 लाख बच्चे शामिल हुए। 
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एएसईआर की रिपोर्ट में सबसे अच्छी खबर यह है कि भारत में पहली बार स्कूल में दाखिला नहीं लेने वाले बच्चों का अनुपात 3% से कम हो गया है अब यह अनुपात 2.8% है। यह सुधार आयु समूहों और लिंग में देखा गया है। उदाहरण के लिए, 2018 में, 11 से 14 आयु वर्ग की लड़कियों का अनुपात 2006 की तुलना में 10.3% से घटकर 4.1% रह गया।


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Sonia Goswami

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