ये होता है फांसी के पहले जल्लाद का हाल
punjabkesari.in Thursday, Jul 30, 2015 - 06:04 AM (IST)
नई दिल्लीः किसी को मारना अासान काम नहीं है। मेरठ के पवन जल्लाद कहते हैं कि जब फांसी की तैयारी करनी होती है तो वो इस क़दर मानसिक दबाव में होते हैं कि चाहते हैं कि "सबकुछ जल्दी हो जाए ताकि वो जल्दी से तनावमुक्त हो जाएं।"
ये मानसिक दबाव तब शुरू होता है जब जेल प्रशासन जल्लाद को किसी की फांसी के सिलसिले में संपर्क करता है।
पवन जल्लाद को निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली के फांसी के लिए संपर्क किया गया था। उन्होंने बताया जिस दिन से जेल प्रशासन ने संपर्क किया उनकी दिनचर्या में बड़ा बदलाव आ गया था।
जल्लाद को फांसी के तख़्ते को ठीक-ठाक करना, फांसी वाली रस्सी की जांच से लेकर फंदा बनाने तक उन्हें हर चीज़ का पूर्वाभ्यास करना पड़ता है।
पवन ने कहा कि मसलन जिस शख़्स को फांसी दिया जाना है और उदाहरण के तौर अगर उसका वज़न 70 किलो है तो उन्हें इसी वज़न की रेत की बोरी को लटकाकर अभ्यास करना होता है। किसी की जान लेना मानसिक और मनोवैज्ञानिक दबाव जल्लाद के अलावा जेल के दूसरे लोगों पर भी होता है और वो तनाव प्रशासन, क़ैदी सभी महसूस करते हैं, जल्लाद तो ज़ाहिर है सबसे अधिक तनाव में होता है।