PIX: मंदिर की रखवाली करता है शाकाहारी मगरमच्छ, भाग्यशाली लोगों को होते हैं दर्शन

punjabkesari.in Sunday, Aug 28, 2016 - 01:16 PM (IST)

केरल के कासरगोड में अनंतपुर मंदिर स्थित है। इस मंदिर में लगभग 150 वर्षों से एक मगरमच्छ मंदिर की रखवाली करता है। यह केरल का एकमात्र झील मंदिर है। यह मंदिर बबिया नामक मगरमच्छ से प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस झील में जब एक मगरमच्छ की मौत होती है तो रहस्यमयी ढंग से दूसरा प्रकट हो जाता है। झील के बीचों-बीच भगवान विष्णु का मंदिर निर्मित है।

 

पुजारी के हाथ से खाता है प्रसाद

मंदिर की झील में रहने वाला मगरमच्छ शाकाहारी है। पुजारी स्वंय अपने हाथों से इसे प्रसाद खिलाते हैं। इसे प्रसाद खिलाने की अनुमति केवल मंदिर प्रबंधन के लोगों को ही है। यह मगरमच्छ झील के अंदर जीवों को नुक्सान नहीं पहुंचाता। स्थानीय लोगों का मानना है कि अधिक बारिश होने पर भी झील का जल स्तर नहीं बढ़ता।

 

70 से अधिक औषधीय सामग्रियों से बनी है मंदिर की प्रतिमाएं

यह मंदिर 9वीं शताब्दी का बना हुआ है। इस मंदिर की प्रतिमाएं धातु या पत्थर से नहीं अपितु 70 से अधिक औषधीय सामग्रियों से निर्मित है। ऐसी प्रतिमाअों को कादु, शर्करा योग के नाम से जाना जाता है। इन प्रतिमाअों को 1972 में पंचलौह धातु में बदल दिया गया था परंतु बाद में इन्हें कादु, शर्करा योग में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों का मानना है कि यह मंदिर तिरुअनंतपुरम के अनंत-पद्मनाभस्वामी का मूल स्थान है अौर वे यहां आकर स्थापित हुए थे।

 

भाग्यशाली लोगों को होते हैं मगरमच्छ के दर्शन

कहा जाता है कि एक अंग्रेज अफसर ने 1945 में झील के मगरमच्छ को गोली मारकर मार दिया था परंतु अविश्वनीय तरीके से अगले दिन मगरमच्छ झील में तैरता हुआ दिखाई दिया था। कुछ दिनों के पश्चात उस सिपाही की सांप के काटने से मृत्यु हो गई थी। माना जाता है कि इस मगरमच्छ के दर्शन भाग्यशाली लोगों को ही होते हैं। यहां जिसे इस मगरमच्छ के दर्शन होते हैं उसका भाग्य चमक उठता है। 

 


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