यहां लगती है ‘यमराज की कचहरी’, आत्मा को दिखाते हैं स्वर्ग या नरक का मार्ग

Monday, Oct 18, 2021 - 01:37 PM (IST)

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Yamraj temple in chamba himachal pradesh: इस मंदिर को लेकर लोगों की मान्यता है कि प्राणी की मृत्यु के बाद यमराज के दूत उसे इसी जगह सबसे पहले लेकर आते हैं फिर चित्रगुप्त उसके कर्मों का लेखा देख कर उसे स्वर्ग या नरक का मार्ग दिखाते हैं। इसे ‘यमराज की कचहरी’ कहा जाता है। शायद यह ऐसा पहला मंदिर है जिसके अंदर जाने से लोग डरते हैं।



The Only Yamraj Temple In India Where People Are Scared To Go : लोग मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं। प्रार्थना करते हैं और भक्ति रस में डूब जाते हैं। मंदिर एक ऐसा आशा स्थान है, जहां से लोग अभय होकर लौटते हैं लेकिन एक ऐसा भी मंदिर है जिसके अंदर जाने से ही लोग डरते हैं। यह किसी देवता का नहीं बल्कि मौत के देवता यमराज का मंदिर है। इस मंदिर में यमराज अपने सहायक चित्रगुप्त के साथ विराजमान हैं।


Yamraj Temple Of Himachal Where Soul Comes First After Death: हिमाचल के चंबा जिले में भरमौर नामक स्थान में स्थित है यह मंदिर। इस मंदिर में एक खाली कमरा है जिसमें चित्रगुप्त को यमराज के साथ बैठा बताया जाता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि चित्रगुप्त हर व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा संभालते हैं और उसके अनुसार ही उस व्यक्ति के मरने के बाद उसके आगे की अच्छी या बुरी यात्रा शुरू करते हैं। इस संसार में जो आया है वह जाएगा। इस संसार से ले जाने का कार्य यमराज को सौंपा गया है। मौत के बाद यह उस आत्मा को उसके कर्मों के अनुसार आगे की यात्रा का आदेश यमराज देते हैं।


मंदिर को लेकर मान्यता है कि प्राणी की मृत्यु के बाद यमराज के दूत उसे इसी जगह सबसे पहले लेकर आते हैं, फिर चित्रगुप्त उसके कर्मों का लेखा देख कर उसे स्वर्ग या नरक का मार्ग दिखाते हैं। इसे ‘यमराज की कचहरी’ कहा जाता है।  


शायद यह ऐसा पहला मंदिर है, जिसके अंदर जाने से लोग डरते हैं। कई लोग तो बाहर से ही अपनी सलामती की दुआ मांग कर लौट जाते हैं।  इसके अलावा यमराज के अन्य मंदिर हैं। तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित है श्री ऐमा धर्मराज मंदिर। ऋषिकेश में धर्मराज मंदिर, विश्राम घाट-मथुरा में भाई बहन (यमराज और यमुना) मंदिर। उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे रामघाट के पास यम मंदिर हैं।

Niyati Bhandari

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