क्या आप भी मंदिर में इस तरह करते हैं परिक्रमा तो...

punjabkesari.in Thursday, May 09, 2019 - 12:20 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
अक्सर हम देखते हैं कि मंदिर में भगवान के दर्शन और पूजा के बाद उनकी परिक्रम की जाती है। कहा जाता है कि परिक्रमा की ये परंपरा बहुत सालों से चली आ रही है। मगर अधिकतर लोग इसके महत्व से आज भी अंजान है। उन्हें आज भी इस बारे में नहीं पता की आख़िर क्यों देवी-देवताओं की पूजा के बाद उनकी परिक्रमा करना ज़रूरी होता है। तो अगर आप भी इन्हीं लोगों की सूची में आते हैं तो आई हम आपको बताते हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है और इसके साथ ही बताएंगे कि गीले कपड़ों में परिक्रमा क्यों की जाती है।
PunjabKesari, परिक्रमा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंदिर की परिक्रमा हमेशा निश्चित संख्या में की जाती है। कहा जाता है कि बिना विधि-विधान के की गई पूजा और परिक्रमा के कारण पूजन के फल प्राप्ति में कमी आती है। अगर किसी भी तरह की पूजा के बाद मंदिर व देवी-देवताओं की परिक्रमा न किया जाए तो वह पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। इसके शुभ प्रभाव से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। जब हम मंदिर की परिक्रमा करते हैं तो हमें मंदिर में उपस्थित सकारात्मक ऊर्जा अधिक मात्र में मिलती है।

तो वहीं शास्त्रों में कहा गया है कि मंदिर में परिक्रमा गीले कपड़े में करनी चाहिए, इससे लाभ प्राप्त हैं। इसके अनुसार घड़ी की सुई की दिशा में मंदिर की परिक्रमा करने से व्यक्ति के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
PunjabKesari, परिक्रमा
इसके अलावा शास्त्रों में गीले कपड़े में परिक्रमा का कारण ये है कि शरीर जल्दी सूख जाता है कपड़े ज्यादा देर तक गीले रहते हैं। ऐसे में किसी मंदिर की परिक्रमा गीले कपड़ों में करना सबसे अच्छा है। क्योंकि ऐसे उस स्थान लगभग हर मंदिर में एक जलकुंड ज़रूर होता था।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News