Kundli Tv- दशहरे पर क्यों खाया जाता है पान?

punjabkesari.in Friday, Oct 19, 2018 - 02:30 PM (IST)

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19 अक्टूबर शुक्रवार को दशहरा मनाया जाएगा। इस त्योहार की वैसे तो सारे संसार में धूम रहती है लेकिन भारत में इसका अलग ही रंग देखने को मिलता है। इस दिन से संबंधित बहुत सी मान्यताएं प्रचलित है, जैसे शास्त्रों की पूजा, रावण दहन के बाद बड़ो के पैर छूकर आशीर्वाद लेना आदि, इनमें से एक है दशहरे के दिन पान खाना। बहुत से लोग होंगे जिनको इस मान्यता के बारे में पता भी नहीं होगा। तो आइए जानते हैं इसके बारे में- 
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मान्यता के अनुसार इस दिन हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाना चढ़ाकर बाद में उसका सेवन भी करना चाहिए। क्योंकि कहा जाता है कि पान हनुमान जी को बेहद पसंद है। 

क्या है पान का महत्व
ज्योतिष के अनुसार पान को जीत का प्रतीक माना गया है। इसके साथ ही पान के बीड़ा से मतलब होता है कि हम इस दिन सही रास्ते पर चलने का 'बीड़ा' उठाते हैं। पान प्रेम का पर्याय है। दशहरे में रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं।
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हिंदू धर्म के शुभ कामों में क्या है पान का महत्व 
ज्योतिषियों के अनुसार पान का पत्ता मान और सम्मान का प्रतीक होता है। इसलिए हर शुभ काम में इसका उपयोग किया जाता है। नवरात्र पूजन के दौरान भी देवी दुर्गा को पान-सुपारी चढ़ाने का विधान होता है। इसी के साथ पान के पत्ते का उपयोग विवाह से लेकर कथा पाठ तक हर शुभ काम में किया जाता है। 
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बीमारियों से रक्षा करता है पान
शारदीय नवरात्र के समय मौसम बदल रहा होता है, इस दौरान संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में यह परंपरा लोगों की बीमारियों से रक्षा करती है। नौ दिन के उपवास के बाद लोग अन्न ग्रहण करते हैं जिसके कारण उनकी पाचन की क्रिया प्रभावित होती है। पान का पत्ता पाचन की प्रक्रिया को सामान्य बनाए रखता है। 
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Jyoti

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