कुंडली में कौन सा ग्रह नहीं मिलने देता मान-सम्मान?

punjabkesari.in Wednesday, Apr 22, 2020 - 09:58 PM (IST)

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गरीब हो या अमीर हर छोटा-बड़ा व्यक्ति यह कामना रखता है कि उसे समाज में वैसा मान-सम्मान प्राप्त हो जैसा वो चाहता है। कुछ लोगों का तो ये सपना पूरा हो जाता है परंतु बहुत से ऐसे भी लोग होते हैं जो यश, कीर्ति पाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। मगर सब कुछ होने के बाद भी उन्हें इसकी प्राप्ति नहीं हो पाती। मगर ऐसा क्यों होता है, ये प्रश्न उनके ज़हन में घूमता रहता है। जिसका जवाब न उन्हें अपने आप से मिल पाता है और न ही किसी और से। तो आख़िर इसका जवाब है किसके पास? हम बताते हैं, असल में इस प्रश्न का उत्तर है ज्योतिष शास्त्र के पास। जी हां, ज्योतिष शास्त्र मे बताया गया है जातक की कुंडली में मौज़ूद ग्रहों की दशा कभी-कभी हमें वो सब नहीं दिलवा पाते जिसकी हमें कामना होता है। हम जानत हैं अब आप यकीनन सोच रहे होंगे कि आख़िर वो कौन सा ग्रह है जिसका वजह मान-सम्मान मिलने के सभी मार्ग बंद होने लगते हैं। तो चलिए आपके इस प्रश्न का भी उत्तर दिए ही देते हैं।

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जिस व्यक्ति के पास हर जायज़ कारण होने के बाद भी उसे मान-सम्मान नहीं मिल पाता, तो उसका कारण होता है कुंडली में मौज़ूद राहू ग्रह। कहा जाता है कि इसकी वजह से ही कारण व्यक्ति को अपने जीवन में मान-सम्मान, धन वैभव अनेक प्रयास के बाद भी नहीं मिल पाते। तो आइए जानते हैं इसकी अशुभ दशा से कैसे बचना चाहिए-

आपकी जानकारी के लिए बता दें ज्योतिष के अनुसार कुज वत केतु, शनिवत राहु। यानि मंगल की तरह केतु तथा शनि की तरह राहु ग्रह प्रभाव देता है। इन दोनों को अलग-अलग ग्रह माना जाता। कहा जाता है ये दोनों एक दूसरे से 180 अंश की दूरी पर या कुंडली में आमने-सामने ही होते हैं।

अगर किसी जातक की कुंडली में शुभ स्थान पर राहु हो, तो वह जातक को जीवन में यश, मान, प्रतिष्ठा, धन दौलत सब कुछ देता है तो वहीं अगर कुंडली में राहू अशुभ हो जाए तो जातक को हज़ार प्रयास के बाद भी असफलता और परेशानियां ही मिलती है।

राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के अचूक उपाय-
नहाने के पानी में शुद्ध चंदन का इत्र डालकर स्नान करें, इससे राहू शुभ असर देना लगता है।

सोमवार को मन में शिवलिंग का ध्यान करते हुए शिव जी के चित्र पर गंगाजल मिले जल से शिव जी का अभिषेक करें।

प्रत्येक शनिवार पीपल के पेड़ पर और शनि देव को जल चढ़ाने से भी राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है।

राहुकाल के समय “ॐ रां राहुवे नम:” मंत्र का 108 बार स्फटिक की माला से जाप करें।
 


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Jyoti

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