What to do with leftover Prasad : बचे हुए प्रसाद को बर्बाद होने से कैसे बचाएं? जानें आसान उपाय
punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 02:40 PM (IST)
What to do with leftover Prasad : भारतीय संस्कृति में प्रसाद केवल भोजन का एक अंश नहीं, बल्कि ईश्वर का साक्षात आशीर्वाद माना जाता है। जब हम श्रद्धाभाव से कोई भोग लगाते हैं, तो वह साधारण अन्न से बदलकर आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बन जाता है। अक्सर बड़े उत्सवों, पारिवारिक पूजा या त्योहारों के बाद हमारे पास भारी मात्रा में प्रसाद बच जाता है। अज्ञानता या समय की कमी के कारण, कई बार यह कीमती प्रसाद खराब होने लगता है या अनजाने में कूड़ेदान का हिस्सा बन जाता है, जो न केवल अन्न की बर्बादी है बल्कि हमारी आस्था का भी अनादर है। अन्न ब्रह्म के विचार को मानने वाले समाज में, प्रसाद के एक भी कण को व्यर्थ होने से बचाना हमारा नैतिक कर्तव्य है। तो आइए जानते हैं ऐसे सरल, रचनात्मक और गरिमापूर्ण तरीकों के बारे में जिनसे हम बचे हुए प्रसाद का सदुपयोग कर सकते हैं।

अन्य व्यंजनों में पुन: उपयोग
यदि लड्डू या पेड़े बच गए हैं, तो उन्हें मैश करके दूध में मिलाकर रबड़ी या खीर बनाई जा सकती है। इन्हें पराठे की स्टफिंग या केक बेकिंग में मिठास के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बचे हुए फलों का फ्रूट चाट, शेक या स्मूदी बना लें। अगर फल ज्यादा पक गए हैं, तो उनका जैम या हलवा बनाया जा सकता है। यदि पका हुआ भोजन बचा है, तो उसे हल्का गर्म करके कटलेट या टिक्की का रूप दिया जा सकता है।
जरूरतमंदों में वितरण
प्रसाद का असली अर्थ ही बांटना है। अपने आस-पास के किसी अनाथालय, रैन बसेरों या सड़क किनारे रहने वाले जरूरतमंद लोगों को यह भोजन सप्रेम भेंट करें। ध्यान रखें कि भोजन शुद्ध और खाने योग्य स्थिति में हो। बांटने से प्रसाद का अपमान भी नहीं होगा और किसी का पेट भी भर जाएगा।

पशु-पक्षियों के लिए उपयोग
यदि प्रसाद ऐसा है जिसे पशु खा सकते हैं, तो उनके लिए उपयोग कर सकते हैं। साफ जगह पर पक्षियों के लिए दाना डाल दें। गौशाला में गायों को फल या अन्न अर्पित करें। बहुत अधिक चीनी या घी वाली चीजें जानवरों को देने से बचें, यह उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
प्राकृतिक विसर्जन
यदि प्रसाद खराब होने लगा है या खाने योग्य नहीं बचा है, तो उसे कूड़ेदान में न फेंकें। इसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें।सबसे बेहतर तरीका है कि एक साफ गड्ढा खोदकर उसे मिट्टी में दबा दें। इससे वह खाद बन जाएगा और प्रकृति में वापस मिल जाएगा। यह एक बहुत ही सम्मानजनक तरीका है।
सुखाकर संरक्षित करना
कुछ प्रसाद जैसे मिश्री, मखाने या सूखे मेवे लंबे समय तक चलते हैं। इन्हें एयरटाइट डिब्बे में रखें। यदि पंचामृत जैसी चीज बच गई है, तो उसे तुलसी के पौधे की जड़ में डाल दें।

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