हिंदू धर्म में नाग पंचमी मनाने का पौराणिक कारण क्या है ?

punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2019 - 03:48 PM (IST)

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धार्मिक ग्रंथों व पुराणों के अनुसार श्रावण के सोमवार के अलावा भी कई खास दिन होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सावन के महीने की शुरूआत के साथ ही हिंदू धर्म के कईं पर्व-त्यौहार की झड़ी लग जाती है। जिसमें से एक है नाग पंचमी। मान्यता है नाग पंचमी का त्यौहार भगवान शिव को अधिक प्रिय है। जिस कारण इसी दिन नाग पंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता व इसका पौराणिक महत्व क्या है ये बहुत कम लोग जानते हैं। तो आइए जानते हैं नाग पंचमी से जुड़ी खास बातें-

बता दें इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त 2019 को पड़ रही है। जिस दिन श्रावण माह का तीसरा सोमवार पड़ रहा है। बताया जा रहा है 125 साल बाद ऐसे संयोग बनें हैं जब सोमवार के दिन नाग पंचमी मनाई जाएगी। आइए अब जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें-
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भविष्य पुराण के मुताबिक सावन महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की नागपंचमी नाग देवता को समर्पित है, इसी कारण इसे नागपंचमी कहते हैं। इससे जुड़ी पौराणिक कथा की मानें तो सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को श्री कृष्ण ने वृंदावन में नाग को हराकर लोगों का जीवन बचा लिया था। इसके बाद उन्होंने सांप के फन पर नृत्य किया, जिस कारण इन्हें नथैया कहा जाने लगा।

ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की नागपंचमी के दिन व्रत भी रखा जाता है। इस संदर्भ में गरुड़ पुराण में उल्लेख मिलता है जिसके अनुसार इस दिन व्रत रखने वाले को अपने घर के मुख्य द्वार क  दोनों ओर गोबर से नागों के चित्र बनाने चाहिए और मिट्टी या आटे के सांप बनाकर उन्हें अलग-अलग रंगों से सजाना चाहिए। फिर फूल, खीर, दूध, दीप आदि से उनकी पूजा करें। पूजा के बाद अन्य लोगों में भूने हुए चने और जौं को प्रसाद के रूप में बांटें। कहा जाता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कुंडली का सर्प योग दूर होता है तथा और भी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।  
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नागपंचमी से जुड़ी एक अन्य पौराणिक कथा भी है, जिसके मुताबिक इस दिन सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी ने शेषनाग को अलंकृत किया था और उनको संपूर्ण पृथ्वी का भार उठाने का ज़िम्मा दिया थाय। कहा जाता है इसी के बाद ही लोगों ने नाग देवता की पूजा करनी शुरू कर दी, तभी से ये परंपरा आज भी चली आ रही है। तो वहीं कुछ पंडितों का कहना है कि हमारे पूर्वज सर्प के रूप में अवतरित होते हैं। यही कारण है कि इस दिन देश भर के मंदिरों में अनेक स्थानों पर नाग देवताओं की पूजा की जाती है।
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Jyoti

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