मासिक राशिफल: अगहन मास में इन राशि वालों की होगी जय-जय!

punjabkesari.in Friday, Nov 01, 2019 - 10:03 AM (IST)

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हिंदू पंचांग के अनुसार साल में पढ़ने वाले हर माह का विशेष महत्व है। मगर इनमें से मार्गशीर्ष जिसे अगहर मास भी कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसकी विशेषता का वर्णन न केवल ज्योतिष विद्वानों द्वारा किया गया है बल्कि हिंदू धर्म का प्रमुख ग्रंथ ‘गीता’, में  स्वंय श्री कृष्ण ने किया है। नवंबर की 13 तारीख़ से इस साल के अगहन मास का आरंभ हो रहा है। तो आइए जानते हैं कि अगहन महीने की विशेषताएं साथ ही अपना मासिक राशिफल जानने के लिए क्लिक करें। गीता में वर्णन के अनुसार श्री कृष्ण कहते हैं स्वयं भगवान ने कहा है मासाना मार्गशीर्षोऽयम्।
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सत युग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारंभ किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी मास में कश्यप ऋषि ने सुन्दर कश्मीर प्रदेश की रचना की। इसी मास में महोत्सवों का आयोजन होना चाहिए। यह अत्यं‍त शुभ होता है।

मार्गशीर्ष शुक्ल 12 को उपवास प्रारम्भ कर प्रति मास की द्वादशी को उपवास करते हुए कार्तिक की द्वादशी को पूरा करना चाहिए। प्रति द्वादशी को भगवान विष्णु के केशव से दामोदर तक 12 नामों में से एक-एक मास तक उनका पूजन करना चाहिए। इससे पूजक 'जातिस्मर' पूर्व जन्म की घटनाओं को स्मरण रखने वाला हो जाता है तथा उस लोक को पहुंच जाता है, जहां फिर से संसार में लौटने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
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मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को चन्द्रमा की अवश्य ही पूजा की जानी चाहिए, क्योंकि इसी दिन चन्द्रमा को सुधा से सिंचित किया गया था। इस दिन माता, बहिन, पुत्री और परिवार की अन्य स्त्रियों को एक-एक जोड़ा वस्त्र प्रदान कर सम्मानित करना चाहिए। इस मास में नृत्य-गीतादि का आयोजन कर उत्सव भी किया जाना चाहिए। इसके अलावा मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को ही 'दत्तात्रेय जयन्ती' मनाई जाती है। इस दौरान यानि मार्गशीर्ष मास में इन विष्णुसहस्त्र नाम, भगवत गीता, गजेन्द्रमोक्ष पावन पाठ की बहुत महिमा है। इन्हें दिन में 2-3 बार पढ़ना चाहिए।
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Jyoti

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