मासिक राशिफल: पूरा महीना इन राशियों पर सभी देवताओं की बरसेगी कृपा

punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2019 - 05:00 PM (IST)

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भाद्रपद का महीना शुरू होते ही हिंदू धर्म के मुख्य पर्व-त्यौहारी की लड़ी लग जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के छठे महीने को भादो महीना कहा जाता है। जो श्रावण के बाद और आश्विन से पहले आता है। इस माह में विशेष पर्व भाद्रपद कृष्ण तृतीया की कज्जली तीज। जिसे ज्यादातर राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से मनाया जाता है। यह माना जाता है कि इस पर्व का आरम्भ महाराणा राजसिंह ने अपनी रानी को प्रसन्न करने के लिए आरम्भ किया था। यहां जानें सितंबर महीना का अपना राशिफल

भाद्रपद मास में आने वाला अगला पर्व कृष्ण अष्टमी के नाम से जाना जाता है। यह उपवास पर्व उत्तरी भारत में विशेष महत्व रखता है। इसके अलावा भाद्रपद माह, कृष्ण पक्ष की द्वादशी को वत्स द्वादशी मनाई जाती है। इसमें परिवार की महिलाएं गाय व बछडे का पूजन करती हैं। इसके पश्चात माताएं गऊ व गाय के बच्चे की पूजा करने के बाद अपने बच्चों को प्रसाद के रुप में सूखा नारियल देती है। यह पर्व विशेष रुप से माता का अपने बच्चों कि सुख-शान्ति से जुड़ा हुआ है।

भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा, उपवास व आराधना का शुभ कार्य किया जाता है। पूरे दिन उपवास रख श्री गणेश को लड्डूओं का भोग लगाया जाता है। प्राचीन काल में इस दिन लड्डूओं की वर्षा की जाती थी, जिसे लोग प्रसाद के रूप में लूट कर खाया जाता था। गणेश मंदिरों में इस दिन विशेष धूमधाम रहती है। गणेश चतुर्थी को चन्द्र दर्शन नहीं करने चाहिए। विशेष कर इस दिन उपवास रखने वाले उपासकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा उपवास का पुण्य प्राप्त नहीं होता है।

भाद्रपद, शुक्ल पक्ष, एकादशी तिथि, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में देवझूलनी एकादशी मनाई जाती है। देवझूलनी एकादशी में विष्णु जी की पूजा, व्रत, उपासना करने का विधान है। देवझूलनी एकादशी को पदमा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विष्णु देव की पाषाण की प्रतिमा अथवा चित्र को पालकी में ले जाकर जलाशय से स्थान करना शुभ माना जाता है। इस उत्सव में नगर के निवासी विष्णु गान करते हुए पालकी के पीछे चल रहे होते है। उत्सव में भाग लेने वाले सभी लोग इस दिन उपवास रखते है।

भाद्रपद माह में आने वाले पर्वों की श्रंखला में अगला पर्व अनन्त चतुर्दशी के नाम से प्रसिद्ध है। भाद्रपद चतुर्दशी तिथि, शुक्ल पक्ष, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में यह उपवास पर्व इस वर्ष मनाया जाता है। इस पर्व में दिन में एक बार भोजन किया जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु के अनन्त स्वरूप पर आधारित है। इस दिन ॐ अनन्ताय नम:’ का जाप करने से विष्णु जी प्रसन्न होते है। 


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Jyoti

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