Vrishabha Sankranti: इस शुभ मुहूर्त में किया गया स्नान-दान होगा बहुत फलदायी

punjabkesari.in Wednesday, May 13, 2020 - 05:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ    
 
Vrishabha Sankranti 2020: सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। 13 अप्रैल को बैसाखी के दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में आए थे और अब सूर्य 14 मई को शाम 5:33 पर वृषभ राशि में जा रहे हैं। वृषभ राशि में सूर्य का संक्रमण वृषभ सक्रांति कहलाता है। साथ ही यह जयेष्ठ महीने की शुरूआत को भी दर्शाता है।
 
PunjabKesari Vrishabha Sankranti 2020
वृषभ सक्रांति का अपना एक खास महत्व है। देश के विभिन्न हिस्सों में इसे विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। कई स्थानों पर श्रद्धालु इस दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु के मंदिर जाते हैं और भगवान विष्णु से आशीर्वाद मांग कर अपने जीवन को सफल महसूस करते हैं। बहुत से श्रद्धालु जगन्नाथ मंदिर भी जाते हैं। इस दिन देश की पवित्र नदियों व त्रिवेणी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है और कई जगह पर भगवान सूर्य और भगवान शिव के ऋषभ रूद्र स्वरुप के विशेष पूजा भी की जाती है।
 
PunjabKesari Vrishabha Sankranti 2020
वृषभ सक्रांति को दान पुण्य का विशेष महत्व माना गया है । ऐसी मान्यता भी है कि वृषभ सक्रांति पर अगर गौ दान की जाए तो जीवन में कोई अभाव नहीं रहते। इस दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों में स्नान और व्रत का भी विधान है। बहुत से लोग पितर तर्पण के लिए भी इस दिन को विशेष रूप से चुनते हैं।
 
PunjabKesari Vrishabha Sankranti 2020
ऐसी मान्यता भी है कि सक्रांति मुहूर्त के पहले आने वाली 16 घड़ियां बहुत ही शुभ होती हैं और इस समय में दान, पितर तर्पण और शांति पूजा करवाने का बहुत अच्छा फल मिलता है।
 
PunjabKesari Vrishabha Sankranti 2020
इस दिन भगवान सूर्य की आराधना से जीवन में लक्ष्य प्राप्ति होती है, आशाओं व खुशियों का संचार होता है, नेतृत्व क्षमता विकसित होती है और सांसारिक मामलों में सफलता मिलती है।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News