विष्णु पुराण: भोजन से जुड़ी इन बातों को ध्यान में रखने से होंगे अनेक फायदे

punjabkesari.in Thursday, Dec 28, 2017 - 11:23 AM (IST)

PunjabKesariशास्त्रों और पुराणों में मनुष्य के कल्याण के लिए कई नियम बताए गए हैं। इनमें खान-पान से लेकर वस्त्र धारण करने तक के नियम शामिल हैं। क्योंकि कहीं न कहीं ये हमारी ऊर्जा को प्रभावित करते हैं। हम जब कभी घर पर बड़े बुजुर्गों के साथ बैठकर खाना खाते हैं तो वो हमें खाने से जुड़ी कई चीजों के बारे में बताते है। न सिर्फ बड़े बूढ़े बल्कि हमारे पुराणों में खाना खाते वक्‍त कुछ चीजों का ध्‍यान रखने के बारे में कहा गया है। खाना खाते समय यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हम लंबे समय तक शक्तिशाली और निरोगी बने रह सकते हैं। विष्णु पुराण में खाने से जुड़ी कुछ ऐसी बात बताई गई हैं, जिनका ध्यान रखना हमारे लिए बहुत फायदेमंद है।


खाने की शुरुआत द्रव्य यानी तरल चीजों से करनी चाहिए। तरल चीजें जैसे सूप आदि। इसके बाद चबाने योग्य चीजें ग्रहण करें। अंत में फिर द्रव्य चीजें जैसे खीर आदि ग्रहण करनी चाहिेेए।

 
खाने से पहले अपने इष्टदेव का ध्यान करें। साथ ही, अन्नपूर्णा माता से प्रार्थना करते हुए कहें कि इस भोजन से मुझे शक्ति और आरोग्य प्रदान करने की कृपा करें।


खाने की शुरुआत में कम से कम पहले पांच निवाले बिल्कुल शांत होकर ग्रहण करें। खाना उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख रखकर ग्रहण करना चाहिए।


कभी भी शाम के समय भोजन ग्रहण न करें। यदि शाम को ज्यादा भूख लगे तो फलों का सेवन कर सकते हैं।


खाना हमेशा साथ बैठकर ही खाना चाहिए। खड़े होकर या कुर्सी पर बैठकर खाने से बचना चाहिए।


भोजन के वक्त मंत्र बोलने से बने पवित्र भावों के कारण भोजन के पाचक रसों में दोष पैदा नहीं होते, जो शरीर और दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखने में फायदेमंद साबित होते हैं। आप विद्यार्थी हो, कामकाजी हो या गृहस्थ, स्कूल, कार्यालय और घर में भोजन शुरु करने से पहले इन मंत्रों को जरूर बोलें-

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ॐ सहनाववतुसहनौ भुनक्तु
सहवीर्यं करवावहैतेजस्विनावधीतमस्तुमा विद्विषा वहै
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः

ॐ ब्रह्मार्पणं ब्रह्मा हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणाहुतं 
ब्रह्मैव तेना गन्तव्यंब्रह्म कर्म समाधिना।।


कभी भी खाने की बुराई न करें। खाने से पहले हाथ-पैर और मुंह अच्छी तरह धो लेना चाहिए।


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