Vijaya ekadashi : साल 2024 में विजया एकादशी की ये है सही डेट और शुभ मुहूर्त

punjabkesari.in Friday, Mar 01, 2024 - 08:08 AM (IST)

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Vijaya ekadashi 2024: फाल्गुन महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने में कई सारे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जैसे कि महाशिवरात्रि, होली और विजया एकादशी। ऐसे पर्वों के लिए कई लोग पूरे साल से इंतजार करते हैं। बता दें, फाल्गुन महीने की पहली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। विजया एकादशी फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। श्री हरि को प्रसन्न करने के लिए ये दिन बेहद खास माना जाता है। आईए जानते हैं, साल 2024 में विजय एकादशी कब पड़ रही है, इसका शुभ मुहूर्त, व्रत का पारण समय, पूजन विधि और इस व्रत का महत्व-

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Vijaya Ekadashi shubh muhurat विजया एकादशी शुभ मुहूर्त- वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की एकादशी तिथि की शुरुआत 6 मार्च को सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर हो रही है।इसकी समाप्ति अगले दिन यानी 7 मार्च को सुबह 4 बजकर 13 मिनट पर होगी। इसके चलते विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च को रखा जाएगा।

विजया एकादशी के व्रत का पारण समय रहेगा। 07 मार्च को दोपहर 01 बजकर 28 से लेकर 03 बजकर 49 मिनट तक किया जा सकता है। इस समय पर व्रती को व्रत खोलना चाहिए।

हिन्दू धर्म में विजया एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा करने से जीवन के कष्ट कम होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना भी फलदायी होता है। विजया एकादशी का भक्तिभाव से व्रत रखने से कार्यों में सफलता मिलती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है।

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Worship method of Vijaya Ekadashi विजया एकादशी की पूजन विधि-
विजया एकादशी के दिन सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े धारण करें।
मंदिर और पूरे घर को गंगा जल के छिड़काव से पवित्र कर दें।
इसके बाद एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
दीपक जलाकर विष्णु चालीसा पढ़ें और फिर आरती करें।
श्री हरि को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाकर सुख-शांति की प्रार्थना करें। परिवार के सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।

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Vijaya Ekadashi Mantra इसके अलावा पूजा के समय आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं-
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ विष्णवे नम:
ॐ हूं विष्णवे नम:

इन मंत्रों का जाप करने से व्रत का पूरा फल मिलता है और श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है।

इस व्रत का उपवास करने वाले जातक फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक आदि का सेवन कर सकते हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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