Vat Purnima 2021: जीवनसाथी का सच्चा प्यार पाने के लिए करें ये टोटके
punjabkesari.in Thursday, Jun 24, 2021 - 08:45 AM (IST)
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Vat Savitri Purnima Vrat 2021: जेठ मास की पूर्णिमा को वट सावित्री व्रत भारत के पश्चिम भाग्य के राज्यों में मनाया जाता है। वट सावित्री व्रत महाभारत काल में वर्णित सावित्री और सत्यवान कि कथा के अनुसार सभी विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। पूरे भारत में वट वृक्ष की पूजा कर यह व्रत करने की एक परंपरा चली आ रही है। यह व्रत करने वाली सभी स्त्रियां सती सावित्री के पद चिन्हों पर अनुसरण करने का प्रतीक है। वट सावित्री व्रत उत्तर भारत के राज्यों में अमावस्या के दिन किया जाता है। वहीं पश्चिम के राज्यों में यह जेष्ठ मास की पूर्णिमा को किया जाता है। इस व्रत को करने का उद्देश्य अपने पति की दीर्घायु और सात जन्मों के साथ को पाने का है।
Vat Purnima 2021 Puja: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत वट वृक्ष की पूजा कर संपन्न होता है। वट वृक्ष की पालना करना अथवा उसका पूजन करना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी अत्यंत लाभकारी है। इसको करने से सुहागन महिलाएं पति का प्रेम पाती हैं। पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। घर-परिवार में संपन्नता लाने का भी वरदान मिलता है। वहीं दूसरी तरफ कुंवारी कन्याएं इस व्रत को कर मनवांछित फल व इच्छित वर की प्राप्ति करती हैं। सावित्री ने सत्यवान को स्वयंवर में अपना जीवनसाथी चुना था। पुरातन काल से ही अपनी इच्छा के अनुरूप वर मिलने की कामना प्रत्येक कन्या करती आ रही है।
Vat savitri puja 2021: आज के दिन माता सावित्री से अपने इच्छित वर को पाने की लिए यह उपाय व नियम अपनाने चाहिए। वहीं दूसरी तरफ वट वृक्ष की पूजा करने से मन को शांति मिलती है व इच्छापूर्ति होती है। आइए जानते हैं कुछ खास टोटके जिनको करने से आप भी अपने प्रियवर को जीवनसाथी के रूप में प्राप्त कर सकते हैं।
Vat Savitri Purnima Puja Samagri and Vidhi: प्रात: काल उठ कर स्नान इत्यादि से फ्री होकर घर की पूर्व दिशा में चंदन से दीवार पर सती सावित्री और सत्यवान का चित्र बनाकर उनकी पूजा करें। स्वास्तिक पर अक्षत, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाते हुए गणेश जी का ध्यान करें। इसके पश्चात माता सती को पांच प्रकार के फल, नौ प्रकार के श्रृंगार और पुष्प अर्पित करें।
Vat savitri purnima 2021: व्रत का संकल्प करते हुए अपनी मनोकामना माता सती के आगे याचक बनकर कहें। आज के दिन स्त्रियां नवीन वस्त्र धारण करें। सोलह सिंगार करें। नई चूड़ियां व महावर पहनकर संध्या के समय वट वृक्ष की पूजा करें। वट वृक्ष की पूजा के समय धूप, अगरबत्ती, पंच मेवे, शहद, पीला कच्चा सूत, सिंदूर , 9 प्रकार के फल और एक तांबे का सिक्का चढ़ाएं।
Vat Purnima 2021: माता सती के मंत्रों का उच्चारण करते हुए अथवा माता सती का ध्यान नाम लेते हुए 7 बार बरगद के वृक्ष को सूत लपेटे। इसके पश्चात वट वृक्ष से अपने जीवन साथी के साथ की कामना करें। हमारी संस्कृति में वट वृक्ष बहुत ही पूजनीय है। वृक्षों में राजा वट वृक्ष को माना गया है। इनकी पूजा बहुत ही फलदाई होती है।
Vat Purnima: अविवाहित कन्याएं पूरी विधि से सावित्री माता की पूजा करें और उनसे मनचाहे वर की कामना करते हुए 16 सुपारी एवं वट के पत्ते चढ़ाते हुए अच्छे वर का वरदान मांगे। वट वृक्ष पर सूत लपेटते समय उसके मध्य में एक चंदन की लकड़ी अवश्य बांध दें। ऐसा करने पर मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होंगी।
नीलम
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