रोज-रोज के गृह कलेश से हैं परेशान तो आज ही करें ये काम

punjabkesari.in Sunday, Aug 01, 2021 - 12:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

‘फेंगशुई’ चीनी वास्तुशास्त्र है। इसमें नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित कर समस्याओं का समाधान किया जाता है। इस शास्त्र में अनेक समस्याओं के समाधान हेतु कई उपाय बताए गए हैं। नीचे कुछ ऐसे उपायों का वर्णन किया जा रहा है जिन्हें आप अपने जीवन में अपनाकर घर की अशांति को दूर कर सकते हैं। पुन: घर में शांति और खुशी का वातावरण उत्पन्न कर सकते हैं। पारिवारिक सदस्यों के बीच मतभेद एवं विवादों को दूर कर पारस्परिक संबंधों में मधुरता ला सकते हैं।

PunjabKesari vastu tips for home in hindi

झाड़-फानूस लटकाइए
पारिवारिक सदस्यों में मतभेद को दूर करने और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने के लिए अपने घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में झाड़-फानूस लटकाए जा सकते हैं, यह कोना पृथ्वी तत्व है जो आपसी संबंधों में प्रगाढ़ता लाता है। बच्चों में आपसी द्वेष की भावना का नाश करता है, माता-पिता और बच्चों के बीच मनमुटाव को दूर कर आदर और सत्कार की भावना पैदा करता है। झाड़-फानूस लगाने से घर में ची यानी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है क्योंकि झाड़-फानूस में क्रिस्टल लगे रहते हैं जो परिवार के सदस्यों में मेलजोल की भावना बढ़ाते हैं। इनका एक फायदा यह भी है कि इसके प्रभाव से अविवाहित युवक-युवतियों का विवाह शीघ्र हो जाता है।

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मोती का उपयोग करें
मोती चंद्रमा का रत्न है। जिस प्रकार चंद्रमा शीतल एवं ठंडी रोशनी देता है जो हमें शांति का अनुभव देती है उसी प्रकार मोती धारण करने से भी चित्त को शांति मिलती है। मोती धारण करने से मानसिक अस्थिरता, उलझन, उत्तेजना, अधिक क्रोध आना एवं गर्मी दूर होती है। यह धारण करने से जब दिल-दिमाग शांत रहेंगे तो स्पष्ट है कि घर में तनाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी और शांति का माहौल बना रहेगा। विवाह के समय भी वधू को मोती का उपहार दिया जाता है, यह कल्याणकारी एवं शुभ माना जाता है। मोती तन-मन को निरोगी और शीतल रखता है।

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नि:संतान निराश न हों
अनेक घरों में गृह क्लेश का प्रमुख कारण नव दम्पति का नि:संतान होना होता है। नि:संतान दम्पति पहले तो यह देखें कि उनके घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने कोई नुकीली वस्तु या कोई रुकावट जैसे पेड़, खंभा, दीवार की किनारी आदि तो नहीं है। ये अड़चनें संतान प्राप्ति में बाधा खड़ी कर सकती हैं। शयनकक्ष में सोते समय यह भी ध्यान दें कि कहीं बैड बीम के बिल्कुल नीचे तो नहीं है। बैड की ओर किसी नुकीली वस्तु या दीवार का कोना नहीं हो, इस बात का भी ध्यान रखें।

इन छोटी-छोटी बातों का भी रखें ध्यान
यदि शयन कक्ष वास्तु अनुसार न हो तो शैय्या के सात मोर पंखों के गुच्छे स्थापित करें, मौली के साथ कौडिय़ां बांध कर पंखों के मध्य भाग में सजाएं, सिराहाने  की ओर से स्थापित करें, स्थापना का मंत्र है। ॐ स्वप्नेश्वरी देव्यै नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा।

घर के प्रत्येक प्रकार के वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर के ऊपर एक मिट्टी के बर्तन में सतनाजा और दूसरे मिट्टी के बर्तन में पानी भर कर पक्षियों के लिए रखें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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