नई-नई शादी में आने लगी हैं दरारें तो जान लें कहीं आप भी तो नहीं करें ये गलतियां
punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 04:15 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र में जहां एक तरफ़ दिशाओं आदि के बारे में बताया गया है तो वहीं इसमें मानव जीवन से जुड़ी भी कई बाते बताई गई हैं। परंतु बहुत कम लोग हैं जो इन बातों के बारे में जानते हैं। तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल वास्तु शास्त्र में बताई गई महिलाओं से संबंधित ऐसी बातों व चीज़ों के बारे में वर्णन किया गया है जो वैवाहिक जीवन से संबंध रखती हैं। इसके अनुसार सुखी वैवाहिक जीवन के लिए न केवल समझदारी, आपसी सहमति, संतुष्टि, मान-सम्मान ज़रूरी होता है उतना ही जरूरी होता है महिलाओं का घर में वास्तु के अनुसार रहना। वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि वैवाहिक जीवन में सोने की दिशा का खास महत्व है। बता दें कि सोते समय सिर और पैरों का सही दिशा में बहुत आवश्यक होता है। खासतौर विवाहित महिलाओं के लिए।. जी हां दोस्तों, तो ऐसे में ये जान लेना बहुत जरूरी है कि विवाहित महिलाओं को किस दिशा में सोना चाहिए और किस दिशा में नहीं। क्योंकि गलत दिशा में विवाहित महिलाओं के सोने से इसका सीधा बुरा प्रभाव उसके पति पर पड़ता है। जिस कारण उसके पति को न जाने कितनी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अतः आज हम आपको बता रहे हैं कि वास्तु शास्त्र में महिलाओं के सोने के लिए कौन सी दिशा शुभ और कौन सी अशुभ है-
ऐसी धार्मिक मान्यताएं है कि शादीशुदा महिलाओं को वायव्य कोण में नहीं सोना चाहिए। आपको बता दें कि वायव्य कोण उत्तर और पश्चिम के बीच का स्थान होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में सोने से महिलाएं अलग घर बसाने का सपना देखने लगती है। इतना ही इस दिशा में सोने से शादीशुदा महिला के पति पर इसका दुष्प्रभाव पड़ने लगता है। इसके अलावा वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा धन के स्वामी कुबेर की मानी जाती है। यदि विवाहित महिलाएं इस दिशा में पैर करके सोएंगी तो इससे आर्थिक जीवन प्रभावित होने की संभावना होती है और इतना ही नहीं आपके आय-व्यय का संतुलन भी बिगड़ जाता है। तो ऐसे में विवाहित महिलाएं भूलकर भी इस दिशा में पैर करके न सोएं।
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महिलाओं के लिए सोने के लिए कौन सी दिशा उत्तम होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार विवाहित महिलाओं को सोते समय सिर दक्षिण की ओर रखना चाहिए। महिलाएं गलती से भी दक्षिण दिशा में पैर करके न सोएं। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है। ऐसा करने से शरीर की ऊर्जा का नाश होता है।
वास्तु के मुताबिक पति को बेड के दाएं तरफ और पत्नी को बेड की बाईं तरफ सोना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ता है।
वास्तु शास्त्र के शादीशुदा महिलाओं को नहीं बल्कि अविवाहित कन्याओं को भी सोने की दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक अविवाहित कन्याओं को दक्षिण-पश्चिम दिशा में पैर करके सोने से बचना चाहिए। शास्त्रों में कुंवारी कन्याओं के लिए इस दिशा में पैर करके सोना शुभ नहीं माना गया है। हालांकि आपको बता दें कि विवाह योग्य कन्याओं के लिए उत्तर-पश्चिम की दिशा शुभ मानी गई है। इस दिशा में सोने से जल्द ही विवाह के योग प्रबल होते हैं।