Vastu Tips: स्वस्थ जीवन की कुंजी छुपी है घर में, अपनाएं ये 2 वास्तु टिप्स
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 07:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vastu Tips: हम सभी चाहते हैं कि हमारा जीवन स्वस्थ और खुशहाल हो, लेकिन कभी-कभी बीमारियां इतनी बार-बार आ जाती हैं कि वे हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करने लगती हैं। चाहे वह छोटी-मोटी बीमारियां हों या फिर कोई लंबी बीमारी, बार-बार बीमार पड़ना शारीरिक तोड़फोड़ के साथ-साथ मानसिक तनाव भी पैदा करता है। आज हम बात करेंगे वास्तु शास्त्र के दो सरल लेकिन प्रभावी उपायों की, जिनसे आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं और बीमारियों से राहत पा सकते हैं।
खाने की दिशा बदलें
अगर आपके घर में बार-बार बीमारी आती रहती है, तो हो सकता है कि खाने की दिशा में कुछ बदलाव करने की जरूरत हो। भोजन करते समय आपके चेहरे का दिशा पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भोजन सही तरीके से हजम होता है। वहीं, अगर आप गलत दिशा में बैठकर खाना खाते हैं, तो इससे पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं और तनाव भी बढ़ सकता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप खाने के दौरान सही दिशा का चुनाव करें ताकि आपकी सेहत बेहतर बनी रहे और मानसिक तनाव भी कम हो।
जल्द ही बदलें दवाई रखने की जगह
वास्तु शास्त्र के अनुसार दवाइयां घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे उचित माना जाता है। यह दिशा दवाइयों को सुरक्षित रखने के लिए अनुकूल होती है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व दिशा का संबंध बृहस्पति ग्रह से जुड़ा होता है, जो हमारे स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देता है। जब दवाइयां इस दिशा में रखी जाती हैं, तो यह न केवल बीमारियों को कम करने में मदद करती हैं बल्कि घर के वातावरण को भी सकारात्मक बनाती हैं। इसलिए, अपने घर की वास्तु सुधारने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए दवाइयों को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना एक महत्वपूर्ण और लाभकारी उपाय है।
घर की सफाई और दिशा के अनुसार फर्नीचर की व्यवस्था
वास्तु के अनुसार, घर में नकारात्मक ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत गंदगी और अव्यवस्था होती है। घर साफ-सुथरा और व्यवस्थित होना जरूरी है ताकि सकारात्मक ऊर्जा घर में बनी रहे। इसके साथ ही फर्नीचर की सही दिशा में व्यवस्था भी स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालती है। घर के हर कोने की नियमित सफाई करें, खासकर उत्तर-पूर्व दिशा की। इस दिशा को वास्तु में “ईशान कोण” कहा जाता है, जो पवित्र ऊर्जा का केंद्र होता है। यदि यह क्षेत्र साफ और खुला रहेगा तो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहेगा, जिससे बीमारियां दूर रहती हैं।