जानिए क्या कहती है उर्वशी रौतेला की जन्म कुंडली ?

punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2019 - 06:26 PM (IST)

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15 वर्ष की उम्र में ‘मिस टीन इंडिया’, 17 साल की उम्र में ‘मिस एशियन सुपर माडल इंडिया’, ‘इंडियन प्रिंसेस’, ‘मिस टूरिज्म क्वीन आफ द ईयर’, ‘इंटरनैशनल वल्र्ड 2011’ जैसे खिताब जीतने वाली भारतीय अभिनेत्री उर्वशी रौतेला का जन्म सुंदरता कारक ग्रह शुक्र की राशि वृष लग्न और केतु की महादशा में हुआ है। चूंकि वृष लग्न है और लग्न पर ही लग्नेश शुक्र का केंद्रीय प्रभाव भी है। इसके फलस्वरूप हर कार्य में खुशी को ढूंढने वाली बनाकर विषय सुखों का भोग जीवन में शुक्र दे रहा है। शुक्र के कारण ही सुंदर वस्त्रों और आभूषणों का शौक है और इसी के कारण बचपन  से ही फैशन आदि में रुचि पैदा हुई तथा आज अभिनय के क्षेत्र में है।
PunjabKesari, Urvashi Rautela, उर्वशी रौतेला
उर्वशी रौतेला की जन्म कुंडली
दिनांक 25.2.1994 समय 12 बजे कोटद्वार, उत्तराखंड
उर्वशी रौतेला की जन्म कुंडली में वृष लग्न में ही केतु स्थित है। केतु एक छाया ग्रह है और वृष राशि में यह नीच राशि का होता है इसलिए ज्यादा शुभ नहीं है संघर्ष के बाद विजय दिलाता है। तभी वर्ष 2012 में ‘मिस इंडिया’ प्रतियोगिता में उम्र के कारण निष्कासित कर दिया था किन्तु शुक्र की महादशा थी इसलिए पुन: 2015 में विजय प्राप्त हुई।

जनसमुदाय और सामाजिक कार्य करने के लिए ‘उर्वशी रौतेला फाऊंडेशन’ की स्थापना की क्योंकि चंद्रमा चतुर्थ भाव सिंह राशि में स्थित है। हालांकि चंद्रमा सिंह राशि में उद्विग्न रहता है फिर भी सामाजिक कार्यों में उर्वशी रौतेला को जोड़ता है एवं लेखक व साहित्यकार भी बना रहा है। इसी के चलते आने वाले समय में अभिनय के साथ-साथ स्वयं फिल्में आदि लेखन का भी कार्य करेगी और फैशन, रैडीमेड गार्मैंट आदि का व्यवसाय भी साथ-साथ होगा।
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उर्वशी की जन्म कुंडली में सूर्य राजयोग कारक ग्रह है। हालांकि शुक्र का इसका साथ शत्रु संबंध है फिर भी दिग्बली है आने वाले समय में किसी राजनीतिक दल में वक्ता भी बनेगी। यदि सिर पर पगड़ी, कपड़ा, टोपी आदि रख कर प्रात: पूजा करे तो राजनीति में उच्च पद भी प्राप्त होगा। सूर्य के साथ ही शनि यहां शश योग बना रहा है तो बुध होने से पद्सिंहासन योग भी बन रहा है जो माता-पिता की स पत्ति का स्वामी बनाएगा, अपना पैसा जमीन खरीदने में व्यय करवाएगा और उर्वशी रौतेला को हर कार्य में सफलता दिलाता रहेगा। फिल्मों में सफलता के मार्ग में मंगल अवरोध उत्पन्न करेगा क्योंकि मंगल मारकेश व अशुभ ग्रह है परंतु  मंगल पर केतु की दृष्टि है और गुरु का केंद्रीय प्रभाव होने से सफलता के लिए येन-केन प्रकारेण का प्रयोग कर सफलता को प्राप्त करने का गुण उर्वशी रौतेला को प्राप्त है। अपनी सफलता के लिए शत्रु को मित्र व मित्र को शत्रु बनाना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। गुरु का छठे भाव में होना लाभभंग योग बना रहा है किन्तु अष्टमेश गुरु का छठे भाव से गुरु से अशुभ प्रभाव को नष्ट कर देता है। इसी कारण उर्वशी रौतेला को धार्मिक यात्राओं में रुचि और धार्मिक कार्यों से धन भी प्राप्त करवाएगा किन्तु अपनी आयु के पचास वर्ष पूर्ण करा कर विभिन्न रोगों का संकेत दे रहा है इसलिए भोजन पर नियंत्रण अभी से ही करना होगा।
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—ज्योतिर्विद बाक्सर देव गोस्वामी


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Jyoti

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