अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय: 3000 फीट की ऊंचाई पर बसे हैं, भगवान गणेश

punjabkesari.in Saturday, Aug 29, 2020 - 09:43 AM (IST)

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Dholkal Ganesh Temple Midkulnar: छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिला से लगभग 30 कि.मी. की दूरी पर ढोल कल नामक स्थान पर भगवान गणेश की एक प्रतिमा है। सैकड़ों वर्ष पुरानी श्री गणेश जी की ये प्रतिमा ढोल कल की पहाड़ियों पर 3000 फीट ऊंचाई पर स्थित है। इतनी ऊचांई पर स्थापित ये प्रतिमा आश्चर्य का विषय है। यहां पर पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। पुरात्वविदों का मानना है कि 10वीं शताब्दी में नागवंशियों ने गणेश जी की यह प्रतिमा दंतेवाड़ा स्थान की रक्षा के लिए स्थापित की थी। 

PunjabKesari Dholkal Ganesh Temple
गणेश जी की भव्य प्रतिमा
गणेश जी की ग्रेनाइट पत्थर से बनी प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 6 फीट और चौड़ाई 21 फीट है। वास्तुकला की दृष्टि से यह बहुत सुंदर है। इस प्रतिमा के ऊपर के दाहिने हाथ में फरसा और बाएं में टूटा हुआ एक दांत है।

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उसी प्रकार नीचे वाले दाहिने हाथ में अभय मुद्रा में अक्षमाला एवं बाएं में मोदक हैं। पुरात्वविदों के अनुसार ऐसी प्रतिमा बस्तर इलाके में कहीं नहीं मिलती।

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यहां हुआ था श्रीगणेश और परशुराम का युद्ध
दंतेश के इलाके को दंतोवाड़ा कहते हैं। यहां एक कैलाश गुफा भी स्थित है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर श्री गणेश और  परशुराम के मध्य युद्ध हुआ था।

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दंतेवाड़ा से ढोल कल की और जाते समय रास्ते में एक ग्राम परस पाल आता है।

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जिसे परशुराम के नाम से जानते हैं। इसके बाद ग्राम कोतवाल पारा आता है। कोतवाल का अर्थ रक्षक होता है।

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श्रीगणेश करते हैं दंतेवाड़ा क्षेत्र की रक्षा
माना जाता है कि नागवंशी शासकों ने ऊंचे पर्वतों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की थी। श्री गणेश जी के पेट पर एक नाग का निशान है, जिसके बारे में कहते हैं कि यह चिन्ह नागवंशियों ने बनवाया था। कला की दृष्टि से यह प्रतिमा 10 या 11 शताब्दी की है।

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Niyati Bhandari

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