Swami vivekananda story: इरादे नेक हों तो सपने भी साकार होते हैं

punjabkesari.in Monday, Oct 16, 2023 - 10:15 AM (IST)

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Inspirational Story: एक बार स्वामी विवेकानंद पैरिस गए। वहां उनकी परिचित एक इटालियन डचेस घोड़ागाड़ी पर उन्हें घुमाने ले गईं। घोड़ागाड़ी वाला गाड़ी रोककर एक पार्क में चला गया। वहां एक बूढ़ी नौकरानी एक लड़का-लड़की का हाथ पकड़ कर बैठी थी। उसने उन बच्चों को प्यार किया। डचेस को यह सब देखकर अजीब लगा, उन दिनों वहां अमीर-गरीब के बीच बड़ा कठोर वर्ग विभाजन था।

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डचेस ने गाड़ी वाले से पूछा, ‘‘उसने ऐसा क्यों किया?’’

उसने कहा, ‘‘वे मेरे बच्चे हैं। आप पैरिस के सबसे बड़े बैंक का नाम जानती होंगी।’’

डचेस ने कहा,‘‘मंदी में घाटा होने के कारण वह बंद हो गया है।’’

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उसने कहा, ‘‘मैं उसी बैंक का मैनेजर था। मैंने इतना घाटा उठाया कि उसे चुकाने में कई साल लग जाएंगे। अपनी पत्नी और बच्चों को मैंने एक किराए के मकान में रखा है। कर्ज चुका देने के बाद मैं फिर से एक बैंक खोलूंगा। यकीनन मैं इस बार कोई भूल नहीं करूंगा।’’

उस व्यक्ति का आत्मविश्वास देखकर विवेकानंद ने डचेस से कहा, यह व्यक्ति वास्तव में वेदांती है। इसे वेदांत का मर्म मालूम है। इतनी ऊंची सामाजिक स्थिति से गिरने के बाद भी अपने व्यक्तित्व और कर्म पर उसकी आस्था डिगी नहीं है। वह अपने उद्देश्य में अवश्य सफल होगा।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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