देवी लक्ष्मी का वाहन क्यों है उल्लू, दंग कर देगा ये वैज्ञानिक तर्क

punjabkesari.in Friday, Jan 19, 2024 - 07:44 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Swami Vivekananda: एक बार स्वामी विवेकानंद अमरीका के एक विश्वविद्यालय में व्याख्यान दे रहे थे। वहां बड़ी संख्या में छात्र, अध्यापक और विभिन्न विद्वान मौजूद थे जो बड़ी उत्सुकता से स्वामी जी के भाषण को सुन रहे थे। स्वामी जी के भाषण का मुख्य विषय था ‘भारतीय संस्कृति तथा अध्यात्म का रहस्य।’ स्वामी जी ने कहा, ‘‘ भारतीय संस्कृति तथा धर्म के सभी तत्वों का वैज्ञानिक महत्व भी है इसलिए संस्कृति और अध्यात्म को वैज्ञानिकता से जोड़कर देखा जा सकता है।’’

PunjabKesari Swami Vivekananda
यह सुनकर एक अमरीकी उनके भाषण में दखल देते हुए बीच में उठकर बोला, ‘‘वास्तव में आपकी संस्कृति महान है, तभी तो आपके यहां देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू बताया गया है जिसे दिन में भी दिखाई नहीं देता। अब जरा यह बताइए कि उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन बताने के पीछे क्या वैज्ञानिक तर्क है?’’

उस व्यक्ति का प्रश्न सुन कर स्वामी जी अत्यंत सहजतापूर्वक बोले, ‘‘पश्चिमी देशों की तरह भारत में धन को ही सब कुछ नहीं माना गया है। हमारे ऋषि-मुनियों ने चेतावनी दी है कि लक्ष्मी रूपी धन के असीमित मात्रा में पास आते ही मनुष्य की आंखें होते हुए भी वह उल्लू की तरह अंधा हो जाता है। इसी का संकेत देने के लिए लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू बताया गया है। इसके पीछे यही वैज्ञानिक तर्क है।’’ स्वामी विवेकानंद जी के इस जवाब पर सभी श्रोता वाह-वाह कर उठे।

PunjabKesari laxmi owl
स्वामी जी फिर बोले, ‘‘सरस्वती, ज्ञान और विज्ञान की प्रतीक हैं और मानव का विवेक जागृत करने वाली देवी हैं इसलिए सरस्वती का वाहन हंस बताया गया है जो नीर-क्षीर विवेक का प्रतीक है। अब आप यह भली-भांति समझ गए होंगे कि संस्कृति और धर्म के सभी तत्वों के पीछे वैज्ञानिक तर्क छिपे हुए हैं।’’

वहां उपस्थित सभी लोगों के साथ ही वह व्यक्ति भी देवी-देवताओं के वाहनों की यह अवधारणा सुनकर स्वामी जी के प्रति नतमस्तक हो गया और उस दिन से वह व्यक्ति भी भारतीय संस्कृति का प्रशंसक बन गया।

PunjabKesari Swami Vivekananda

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News