स्वामी प्रभुपाद: मन को वश में करना

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2024 - 08:41 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

जितात्मन: प्रशान्तस्य परमात्मा समाहित:।
शीतोष्णसुखदु:खेषु तथा मानापमानयो:॥6.7॥

PunjabKesari Swami Prabhupada

अनुवाद एवं तात्पर्य : जिसने मन को जीत लिया है, उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है क्योंकि उसने शांति प्राप्त कर ली है। ऐसे पुरुष के लिए सुख-दुख, शीत-ताप एवं मान-अपमान एक से हैं।

वस्तुत: प्रत्येक जीव उस भगवान की आज्ञा का पालन करने के निमित्त आया है, जो जन-जन के हृदयों में परमात्मा रूप में स्थित है। जब मन माया द्वारा विपथ कर दिया जाता है, तब मनुष्य भौतिक कार्यकलापों में उलझ जाता है। अत: ज्यों ही किसी योग पद्धति द्वारा मन वश में आ जाता है, त्यों ही मनुष्य को लक्ष्य पर पहुंचा हुआ मान लिया जाना चाहिए। मनुष्य को भगवद् आज्ञा का पालन करना चाहिए।

PunjabKesari Swami Prabhupada

जब मनुष्य का मन परा प्रकृति में स्थिर हो जाता है, तो जीवात्मा के समक्ष भगवद् आज्ञा पालन करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रह जाता। मन को वश में करने से स्वत: ही परमात्मा के आदेश का पालन होता है।

PunjabKesari Swami Prabhupada


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Recommended News

Related News