Sushant Singh Rajput commits suicide: ये हैं depression के वो कारण, जो आत्महत्या के लिए उकसाते हैं
punjabkesari.in Monday, Jun 15, 2020 - 09:38 AM (IST)

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Sushant singh rajput death reason: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत द्वारा आत्महत्या करने की खबर सुनकर हर कोई सन्न रह गया है। इस एक्टर ने ऐसा क्यों किया होगा और अपने पीछे कोई सुसाइड नोट भी नहीं छोड़ा, इसे लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर हम ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने हाथों अपनी जीवन लीला समाप्त करने के पीछे कुछ ग्रहों का कंबीनेशन और ग्रहों की चाल जिम्मेदार होती है। ग्रहों की यही चाल व्यक्ति को अवसाद यानी डिप्रेशन में धकेल देती है और कई बार आत्मघाती कदम उठाने के लिए भी विवश कर देती है।
मैं आपको बताना चाहूंगा कि ग्रहों की कई स्थितियां ऐसी होती हैं, जब अचानक व्यक्ति अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेता है। कुंडली से ही इस बात के संकेत मिल जाते हैं कि व्यक्ति दीर्घायु होगा, अल्पायु होगा, वाहन दुर्घटना में उसकी जान जाएगी या कोई बीमारी उसको लगेगी।
कुंडली देखकर ग्रहों की स्थिति से यह भी पता चल जाता है कि कोई व्यक्ति आत्महत्या या हत्या के कारण असामयिक मृत्यु का शिकार हो सकता है।
हमारे शरीर के संवेदनशील तंत्र के ऊपर चंद्र का अधिकार होता है और चंद्रमा अगर शनि, मंगल, राहु, केतु आदि ग्रहों के प्रभाव में हो तो व्यक्ति के मन में निराशा हिलोरे लेती रहती है और वह बेचैनी व व्यग्रता अनुभव करते हुए जीवन के प्रति वितृष्णा से भर जाता है और मनोबल की कमी के कारण उसका विवेक काम करना बंद कर देता है जिसकी परिणति आत्महत्या के रूप में होती है। चंद्रमा जहां मन का प्रतिनिधि है, वहीं बुध ग्रह व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता को नियंत्रित करता है। बुध यदि किसी पाप ग्रह से पीड़ित है तो वह व्यक्ति को भ्रमित करता है और कई मामलों में उस व्यक्ति को आत्महत्या तक के लिए उकसाता है।
कुंडली में अगर योगिनी दशा उल्का में संकटा चल रही हो या संकटा में उनका चल रही हो तो भी व्यक्ति कई बार डिप्रेशन का शिकार होकर ऐसा कदम उठा लेता है। अगर कुंडली के बारहवें भाव में चंद्रमा अपनी नीच राशि में केतु के साथ हो, व्यक्ति कई बार डिप्रेशन में आकर या भावावेश में आकर फांसी लगाने जैसा आत्मघाती कदम उठा लेता है। यदि कुंडली में किसी भी भाव में शनि मंगल एक साथ हों और उनमें से एक अशुभ स्थिति में हो तो भी कई बार आदमी आत्मघाती कदम उठाता है।
यह भी बताना चाहूंगा कि यदि किसी व्यक्ति का लग्नेश अशुभ भावों में स्थित हो या नीच राशिस्थ हो, चंद्रमा अशुभ भावस्थ हो नीच राशि में हो और लग्नेश पर या चंद्र पर राहु या शनि का प्रभाव हो और इन ग्रहों पर किसी भी शुभ ग्रह का प्रभाव व दृष्टि न हो तो भी आत्महत्या जैसी प्रवृत्ति का आदमी शिकार हो जाता है। अगर किसी स्त्री की जन्म कुंडली में सूर्य एवं चंद्रमा लग्न से तृतीय स्थान , नवम एवं द्वादश भाव में स्थित हों तथा पाप ग्रहों की युति वृष्टि हो तो महिला जातक फांसी लगाकर या किसी जलाशय में कूदकर आत्महत्या कर लेती है।
गुरमीत बेदी
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