कन्या लगन- Stock Market में करोड़पति बनाने वाले योग

punjabkesari.in Saturday, Aug 09, 2025 - 03:38 PM (IST)

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Stock Market Astrology: आज बात करेंगे कन्या लग्न के उन जातकों की जो शेयर बाजार में एक्टिव हैं यानी कि जो रूटीन में ट्रेड करते हैं, जो स्पेकुलेटिव ट्रेड करते हैं, जो निफ्टी फ्यूचर में काम करते हैं, जो एमसीएक्स में काम करते हैं। यहां पर बात कन्या लग्न के जातकों की होगी। कन्या राशि के जातकों की नहीं होगी। जब हम राशि से बात करेंगे तो धन भाव और आय भाव का आय भाव की स्थिति कुछ और हो जाती है। मान लीजिए लग्न कन्या है लेकिन चंद्रमा आपका किसी और राशि में पड़ा है, तो चंद्रमा से जो दूसरी राशि होती है वो धन भाव होता है। चंद्रमा से जो 11वीं राशि होती है वो आय भाव होता है, तो लेकिन जब हम कुंडली का एनालिसिस करते हैं तो लगन से ही विचार किया जाता है। इसलिए यहां पर कन्या लग्न का ही बात करेंगे।

कन्या लग्न से आय भाव और कन्या लग्न से धन भाव की बात करेंगे। कन्या लग्न से 12वें भाव की बात करेंगे। कन्या लग्न से चंद्रमा की स्थिति की बात करेंगे। कुंडली में एक्चुअल में ट्रेड करने लायक ग्रह स्थिति है या नहीं है। तो देखते हैं सबसे पहले तो बताते हैं कि चंद्रमा की स्थिति कैसी होनी चाहिए। क्योंकि चंद्रमा मन का कारक है। मन में ग्रीड एंड फियर दोनों ही चीजें चंद्रमा के कारण ही आएंगी। यदि आपका चंद्रमा वीक है तो आप ग्रीड के भी जल्दी शिकार हो जाएंगे। फियर के भी जल्दी शिकार हो जाएंगे। एक शेयर मान लीजिए ₹100 पे लिया। ₹90 पे आया। फ़ियर फैक्टर हैवी हुआ 90 पे निकाला। वह शेयर गया 120 के ऊपर। 

मान लीजिए एक शेयर लिया ₹100 में 110 पे गया। बेचा नहीं। पता लगा कि यह 120 पे जा सकता है। 30 पे जा सकता है। होल्ड किया वो शेयर दोबारा 90 पे आ गया। यह आपको जो कन्विक्शन देता है कि 110 पे बेचना है और 90 पे नहीं काटना है। वो आपको चंद्रमा ही देता है। तो चंद्रमा की स्थिति यदि मजबूत होगी तो आप इंट्राडे में अच्छा काम कर पाएंगे। यदि चंद्रमा की स्थिति खराब है तो आप इंट्राडे में अच्छा काम नहीं कर पाएंगे। आप मार्केट से गवा कर निकलेंगे। दो जो अच्छे बड़े ट्रेडर इन्वेस्टर कह लीजिए वारेन बफे जी और हमारे दिवंगत राकेश झुंझुनवाला जी इनकी कुंडली का जब हम विश्लेषण करते हैं तो वारेन बफे जी की कुंडली में सूर्य और चंद्रमा का डिस्टेंस आपस में 99 डिग्री है और राकेश झुंझुनवाला जी की कुंडली में सूर्य और चंद्रमा का डिस्टेंस 130° है, तो चंद्रमा इसका मतलब है कि मजबूत स्थिति में है। तो आपको कैसे पता लगेगा कि आपका चंद्रमा मजबूत है या नहीं है? 

मान लीजिए कन्या लग्न की ही पत्रिका है आपकी। कन्या लग्न में चंद्रमा 11व भाव का स्वामी हो जाता है। मान लीजिए कन्या लग्न में ही आपका चंद्रमा पड़ा हुआ है। तो यदि सूर्य आपका 12वें भाव में पड़ा है। हालांकि सूर्य अपनी राशि का हो जाएगा वहां पर या आपका तुला राशि में पड़ा है यानी कि दूसरे भाव में पड़ा है तो आपका चंद्रमा वीक है। क्योंकि यहां से चंद्रमा सूर्य के विदिन 60° आ जाएगा। यदि मान लीजिए चंद्रमा कन्या राशि में 29° पर भी पड़ा है और सूर्य 1° पर भी पड़ा हुआ है तो भी वह 58° का ही होगा। मैक्सिमम 60 58° का हो सकता है। यहां पर 59° का भी हो सकता है। लेकिन यह इनफ नहीं है। यहां पर चंद्रमा की स्थिति कमजोर हो जाएगी। यदि आपका चंद्रमा मान लीजिए कन्या में ही पड़ा है और आपका सूर्य 11व में पड़ा है या तीसरे भाव में पड़ा है। हालांकि तीसरे और 11वें का सूर्य अच्छा होता है क्योंकि वो पाप ग्रह है और तीसरे और 11वें भाव में पाप ग्रह अच्छा फल करते हैं। लेकिन यह अगेन चंद्रमा को वीक कर देगा क्योंकि यह विद इन 60° या 70° के आसपास आ जाएगा चंद्रमा के। तो यह स्थिति भी ठीक नहीं है।

मान लीजिए आपका चंद्रमा कन्या राशि में ही पड़ा है। लेकिन सूर्य आपका पड़ा हुआ है दशम भाव में यानी कि मिथुन राशि में या आपका धनु राशि में पड़ा है। तो यहां पर एक संभावना बढ़ जाएगी कि चंद्र चंद्रमा और सूर्य की पोजीशन 100 से लेकर 120 डिग्री के अंदर हो सकती है। तो यदि आपकी कुंडली में ऐसी स्थिति है या चंद्रमा मान लीजिए आपका सामने 12 राशि में पड़ा हुआ है। मीन राशि में पड़ा हुआ है। कन्या राशि में पड़ा है। सूर्य मीन राशि में पड़ा है। तो ये तो पूर्णिमा का ही जन्म हो जाएगा। या चंद्रमा छह राशि में पड़ा हुआ है आपका और आपका सूर्य या तो नाइंथ हाउस में पड़ा है जहां पर दो राशि आ जाएगी वृषभ राशि आ जाएगी या आप 10 राशि में यानी कि कन्या राशि में पड़ा है तो ऐसी स्थिति में भी जब त्रिकोण में पड़ा होगा सूर्य तो भी वो आपका चंद्रमा मजबूत कर देगा क्योंकि यहां से डिस्टेंस बढ़ जाएगा 120° 130° के आसपास का हो जाएगा। 

चंद्रमा की स्थिति को ऐसे समझेंगे कि चंद्रमा की स्थिति मजबूत है या नहीं है। यह नंगी आंख से आपको पता लग जाएगा। यह हमने चार्ट पे समझाने की आपको कोशिश की है। तो यहां पर स्थिति एक देखेंगे कि चंद्रमा पहले ठीक है या नहीं है। तो सबसे पहला फैक्टर चंद्रमा ही होता है। मन से ही सारा कुछ होता है। दूसरा होता है आपकी कुंडली में आय भाव और धन भाव की स्थिति क्या है? तो चंद्रमा की स्थिति तो पहले देखेंगे क्योंकि चंद्रमा आय भाव का स्वामी भी है। यहां पर एक मन का कारक है, ट्रेड का मन का कारक है। उसके साथ-साथ आय भाव का भी स्वामी है। दूसरा धन भाव है। आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति क्या है? यदि शुक्र की स्थिति ठीक है, चंद्रमा की स्थिति ठीक है तो बाजार में आपको ट्रेड करना चाहिए। यदि दोनों की स्थिति खराब है तो आपको ट्रेड नहीं करना चाहिए। मान लीजिए सूर्य अस्त वीनस अस्त हो गया। वीनस अस्त हो जाता है नॉर्मली साल में एक बार होता है। 

मान लीजिए वीनस अस्त है आपका। चंद्रमा आपका सूर्य के बिल्कुल करीब है तो कोशिश करिए कि स्पेकुलेट मत करिए। इंट्राडे में तो मत ही करिए। आपको नुकसान हो सकता है। मान लीजिए 12वां भाव आपका पीड़ित हो गया। 12व भाव से स्पेकुलेटिव ट्रेड होता है। जितना भी जितने भी लोग फ्यूचर में काम करते हैं, ऑप्शन में काम करते हैं, एमसीएक्स में काम करते हैं, वो सारा स्पेकुलेटिव ट्रेड है। सोना जो है उसका एक लॉट खरीदा जितनी सोने की एक्चुअल कीमत है उसके 10वें भाव में आपको वो मिल जाता है। तो कई कई बार उससे भी कम में मिल जाता है। तो मिल गया मान लीजिए जितना आपने मार्जिन जमा किया सोना 10,000 टूटा या 20,000 टूटा, 3,000 टूटा तो आपको मार्जिन दोबारा जमा कराना पड़ता है। तो आपका पैसा निकल जाता है। ऐसा तब होता है जब आपका 12वा भाव खराब होता है। 12वा भाव कैसे खराब समझेंगे। 12वें भाव में आपके आती है सिंह राशि। मान लीजिए सिंह राशि का शनि पड़ा हुआ है वहां पर और मंगल आपका पंचम में पड़ा हुआ है। कन्या राशि का सॉरी मकर राशि का। मकर राशि का मंगल उच्च का हो जाता है। पंचम के लिए अच्छा फल कर जाएगा। लेकिन मंगल की दृष्टि जाएगी 12 के ऊपर। शनि जहां पर बैठा हुआ है। तो 12वां भाव दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ जाएगा। स्पेकुलेशन का भाव है। 

यहां पर आपका 12वां पीड़ित हो जाएगा। मान लीजिए सूर्य भी वहीं पर पड़ा हुआ है। शनि के साथ है तो सूर्य भी पीड़ित हो जाएगा। राहु आपका फोर्थ हाउस में पड़ा हुआ है। केतु दशम में पड़ा हुआ है। मंगल पंचम में पड़ा है तो राहु भी दशम देखेगा उस भाव को तो वो भी उसको पीड़ित कर देगा। मान लीजिए एक एक तो यह स्थिति होगी। 12वां पीड़ित हो गया। जब यह 12वां पीड़ित हो रहेगा आपका छठा भी पीड़ित हो जाएगा। क्योंकि दशम का केतु छठे भाव को देखेगा। शनि आपका 12व का छठे भाव को देखेगा। तो होता क्या है? छठा रोग ऋण शत्रु का भाव होता है। पैसा आपके ऊपर जो चढ़ता है ना कर्ज वाली स्थिति आती है वह शनि के कारण आती है या छठे भाव के कारण आती है। जब शनि छठे भाव को देख रहा है, केतु छठे भाव को देख रहा है तो वह इवेंचुअली पैसा आपके ऊपर चढ़ा देगा। कई बार लोग मार्केट में काम करने उतरते हैं। पता लगता है मार्जिन डूबा उसको बचाने के लिए कर्ज दिया वो भी चढ़ गया वो भी डूब गया। तो ऐसी स्थिति में स्पेकुलेशन मत करिए। जब आपका स्पेशली 12वां भाव खराब है। आपका चंद्रमा खराब है। 

आपके पंचम की स्थिति अच्छी नहीं है। तो वह पैसा आप मार्केट से पैसा नहीं बना पाएंगे। वैसे भी सेबी बोलता है कि आप 90% ट्रेडर पैसा गवा के निकलते हैं। खासतौर पर फ्यूचर वाले। तो वो ऐसे ट्रेडर फ्यूचर मार्केट में काम मत करें। यदि आपका बुध अच्छा है। बुध यहां पर दशव भाव का स्वामी हो जाएगा। लग्न का स्वामी हो जाएगा। ये वैसे ही कन्या लग्न वाले बुध के अह इनका स्वामी बुध है। कन्या लग्न का स्वामी बुध है। तो वैसे भी ये कैलकुलेटिव होते हैं। तो यदि बुध अच्छा है, चंद्रमा अच्छा है, शुक्र अच्छा है और धन और राय स्थान का कारक गुरु अच्छा है। और पंचम का भी कारक गुरु होता है। तो बाजार में आइए। अब यह पोजीशन कैसे बनेगी? मान लीजिए आपका चंद्रमा पड़ा हुआ है फोर्थ हाउस में। ये आय स्थान का स्वामी होकर फोर्थ हाउस में आ जाएगा और उसके साथ ही आपका शुक्र पड़ा हुआ है। यह चंद्रमा और शुक्र की युति हो जाएगी। यह स्थिति आपके लिए अच्छी हो जाएगी। तो यहां पर बाजार में आप ट्रेड कर सकते हैं। मान लीजिए गुरु भी साथ आ गया। गुरु की दृष्टि 12वें भाव के ऊपर जाएगी। तो 12वां भाव गुरु के प्रभाव में आ जाएगा।

 गुरु, शुक्र और चंद्रमा तीनों ही संपत्ति के कारक होते हैं। मनी के कारक होते हैं। लिक्विड मनी चंद्रमा से आता है। संचित पैसा आपका गुरु से आता है और जो इवेंस मनी होता है, जो अपार धन आता है वो शुक्र से आता है। यदि ये तीनों एक साथ हो गए, फोर्थ हाउस में आ गए, त्रिकोण में आ गए या केंद्र में आ गए तो निश्चित तौर पर बाजार में आपको पैसा मिल सकता है। आप अच्छा काम कर सकते हैं। प्रोवाइडेड आपका 12वां पीड़ित ना हो। 12वां जरूर ध्यान रखिए। 12वां भाव चंद्रमा और पंचम आपका पीड़ित नहीं होना चाहिए। यदि यह पीड़ित है तो बाजार में आप काम मत करिए। आपको नुकसान हो जाएगा। मान लीजिए राहु आपका अष्टम में पड़ा है। केतु दूसरे में आ जाएगा। राहु 12व को पीड़ित कर देगा। तो यहां पर स्थिति खराब हो जाएगी। मान लीजिए शनि वहां पर पड़ा है। मान लीजिए शनि वहां पर नहीं पड़ा। मंगल वहां पर पड़ा है। मंगल के ऊपर राहु की दृष्टि आ जाएगी। यह पीड़ित हो जाएगा। इस ऐसे इसको देखेंगे। दो या दो से ज्यादा पाप ग्रहों का प्रभाव यदि 12व भाव के ऊपर है। 12व भाव के स्वामी के ऊपर है। 

मान लीजिए सूर्य राहु केतु एक्सिस में आ जाएगा तो भी आपका 12वां पीड़ित हो जाएगा। इसको जरूर देखेंगे। तो यदि आपका 12वां पीड़ित है तो बाजार में कम मत कम मत काम करिए। चंद्रमा आपका पीड़ित है तो बाजार में इंट्राडे में फ्यूचर में मत काम करिए। तो आप पूछ सकते हैं कि क्या आपको निवेश करना चाहिए? तो निवेश आप कर सकते हैं यदि गुरु की पोजीशन अच्छी है। यदि बुध की पोजीशन अच्छी है क्योंकि बुध ट्रेड का कारक है। आपको कैलकुलेटिव बुध बनाता है। मान लीजिए बुध और गुरु दोनों केंद्र में है। दोनों आमने सामने भी है तो भी आपके लिए अच्छा हो जाएगा। बुध की स्थिति आपकी अच्छी होनी चाहिए। गुरु की स्थिति आपकी अच्छी होनी चाहिए। गुरु पंचम में बैठा है। गुरु भाग्य स्थान में बैठा है। गुरु आय स्थान में बैठा है तो निश्चित तौर पर आपको अच्छी स्थिति में ले आएगा। प्रोवाइडेड वो पीड़ित ना हो। मान लीजिए गुरु के ऊपर राहु की भी दृष्टि है, शनि की भी दृष्टि है, मंगल की भी दृष्टि है। बैठा भले ही वो 11वां है लेकिन वो फिर भी आपको नुकसान करवा देगा। तो ये देखेंगे कि यहां पर आपका गुरु अच्छा होना चाहिए, बुध अच्छा होना चाहिए और यदि ये दोनों प्लनेट अच्छे हैं आपके लिए तो आपको निश्चित तौर पर बाजार से इन्वेस्टमेंट से पैसा बन सकता है।  

नरेश कुमार
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Content Editor

Sarita Thapa

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