शांति और शिक्षा पर ध्यान दें विश्व के देश: श्री श्री रविशंकर
punjabkesari.in Thursday, Apr 07, 2022 - 09:06 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स) : आध्यात्मिकता आपकी आत्मा, आपके दिमाग, आपकी भावनाओं और आपकी बुद्धि को समझना होता है। यदि आप अपने अस्तित्व से जुड़े नहीं हैं, तो न तो आप बुद्धिमान हो सकते हैं और न ही आपकी भावनाओं को परिष्कृत किया जा सकता है। मन की तीक्ष्णता पूर्ण रूप से तभी आती है जब भीतर शांति होती है।
शांति पाने का तरीका ध्यान है और इसे ही हम अध्यात्म कहते हैं। यह बात लाल बहादुर शास्त्री नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट ने राष्ट्रीय संग्रहालय के सहयोग से 28 वें लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल व्याख्यान में आध्यात्मिक गुरु और द आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर ने नेशनल म्यूजियम में कही। उन्होंने कहा कि युद्ध लोगों के दिमाग में उत्पन्न होते हैं हथियार में नहीं।
युद्ध का स्रोत मन है विश्व के देश युद्ध सामग्री के कु ल खर्चे का थोड़ा सा पैसा भी अगर शांति की शिक्षा पर खर्च करते हैं तो दुनिया एक बेहतर जगह होगी। लाल बहादुर शास्त्री नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के होल्डिंग ट्रस्टी अनिल शास्त्री ने कहा कि हर कोई शांति के लिए लड़ रहा है क्योंकि शांति सुख, विकास और समृद्धि लाती है।
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