Sri Krishna Janmashtami 2020: जानें, कब मनाया जाएगा श्री कृष्ण का जन्मोत्सव
punjabkesari.in Monday, Aug 10, 2020 - 07:23 AM (IST)
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Sri Krishna Janmashtami 2020: भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कृष्ण जन्माष्टमी का पावन त्यौहार हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत, पूजन और उत्सव मनाते हैं। कहीं भगवान की पालकी सजाई जाती है तो कहीं झांकी निकाली जाती है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था लेकिन कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों एक ही दिन नहीं होते।
जब इस तरह की उलझन आती है तो शास्त्रों में इसका उपाय भी बताया गया है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि जो गृहस्थ आश्रम में रह रहे लोग हैं, उन्हें उस दिन व्रत रखना चाहिए जिस रात को अष्टमी तिथि लग रही है। पंचांग के अनुसार 11 अगस्त मंगलवार को गृहस्थ लोगों को जन्माष्टमी का पर्व मनाना सही रहेगा क्योंकि 11 की रात को अष्टमी है।
गृहस्थ लोग रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें, दान करें और जागरण व कीर्तन करें। 12 अगस्त को व्रत का पारण करें, जो श्रेष्ठ एवं उत्तम रहेगा। जो लोग वैष्णव व साधु संत हैं , वे 12 अगस्त को व्रत रख सकते हैं। 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी और उसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। इस दिन अष्टमी और नवमी दोनों रहेंगे।
12 अगस्त को पूजा का शुभ समय रात 12:05 से लेकर 12:47 तक है और पूजा की अवधि पर 43 मिनट तक रहेगी। मथुरा और द्वारिका में भी जन्माष्टमी 12 अगस्त को ही मनाई जा रही है। जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र तो रहेगा ही, साथ ही चंद्रमा मेष राशि में और सूर्य कर्क राशि में होंगे। जिसके कारण वृद्धि योग भी बन रहा है, इसे बहुत शुभ माना जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुल अष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्री कृष्ण जयंती व श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है और जन्माष्टमी पर पूरे देश में उत्सव का सा माहौल रहता है। गृहस्थ संप्रदाय के लोग कृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं और वैष्णव संप्रदाय के लोग कृष्ण जन्म उत्सव मनाते हैं।
गुरमीत बेदी
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