Sphatik Mala Benefits : स्फटिक पहनते ही भाग जाती हैं नकारात्मक शक्तियां लेकिन एक गलती पड़ सकती है भारी
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 01:32 PM (IST)
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Sphatik Mala Benefits : स्फटिक एक अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र रत्न माना जाता है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही अध्यात्म और ज्योतिष में किया जाता रहा है। इसे हीरे का उपरत्न भी कहा जाता है और यह साफ़, पारदर्शी रूप में उपलब्ध होता है। जहां एक ओर इसके कई चमत्कारी लाभ बताए गए हैं, वहीं इसे पहनने के कुछ ज्योतिषीय और ऊर्जा संबंधी भारी नुकसान भी हो सकते हैं, जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए।

स्फटिक धारण करने के चमत्कारी लाभ
नकारात्मक ऊर्जा और भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति
यह स्फटिक धारण करने का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण लाभ है। स्फटिक की संरचना में एक तीव्र कंपन ऊर्जा होती है जो नकारात्मक और निम्न-आवृत्ति ऊर्जाओं को दूर भगाती है। स्फटिक एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।
ज्योतिष और तंत्र-शास्त्र के अनुसार, स्फटिक अपनी उच्च और शुद्ध ऊर्जा के कारण, व्यक्ति के चारों ओर एक ऐसा ऊर्जा क्षेत्र बनाता है जिसमें भूत-प्रेत या किसी भी प्रकार की बुरी आत्माओं का प्रवेश मुश्किल हो जाता है।
मन की शांति और एकाग्रता
स्फटिक मन को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने में अद्भुत रूप से सहायक है। यह मन को शीतलता प्रदान करता है, जिससे चिंता, बेचैनी और तनाव कम होते हैं। विद्यार्थियों और ध्यान करने वाले साधकों के लिए यह अत्यंत उपयोगी है क्योंकि यह विचारों को स्पष्ट करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
शुक्र ग्रह को बल प्रदान करना
स्फटिक का संबंध शुक्र ग्रह से माना जाता है, जो भौतिक सुख, प्रेम, कला, सौंदर्य और ऐश्वर्य का कारक है। इसे धारण करने से शुक्र मजबूत होता है, जिससे जीवन में भौतिक सुख, धन, ऐश्वर्य और आरामदायक जीवन शैली की प्राप्ति होती है। यह प्रेम संबंधों को मजबूत करता है और आकर्षण शक्ति बढ़ाता है।

स्वास्थ्य लाभ
आयुर्वेद और क्रिस्टल हीलिंग में स्फटिक को शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी माना जाता है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है, खासकर गर्मी या बुखार की स्थिति में। यह विशेष रूप से क्राउन चक्र और आज्ञा चक्र को सक्रिय और संतुलित करने में सहायक है।
स्फटिक धारण करने के नुकसान
जिन लोगों की कुंडली में पहले से ही कफ या वात की प्रवृत्ति अधिक है, या जिन्हें क्रोनिक ठंड, सर्दी-जुकाम या रक्तचाप की समस्या है, उनके लिए अत्यधिक स्फटिक धारण करना शरीर में शीतलता बढ़ाकर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है।
कुंडली में शुक्र की स्थिति के अनुसार, यदि शुक्र मारक या नीच अवस्था में है और स्फटिक उसे और अधिक बल देता है, तो यह जीवन में भौतिक सुखों के बजाय अत्यधिक वासना, आलस्य, या चरित्र की कमजोरी जैसे नकारात्मक परिणाम दे सकता है। इसे हमेशा किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह से ही धारण करना चाहिए।
यदि स्फटिक को किसी अशुद्ध या नकारात्मक स्थान पर चार्ज कर दिया जाए, या इसकी नियमित शुद्धि न की जाए, तो यह आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करके अपने भीतर जमा कर लेता है। जब व्यक्ति इसे धारण करता है, तो यह जमा हुई नकारात्मक ऊर्जा वापस उसी व्यक्ति के ऊर्जा क्षेत्र में प्रसारित करने लगता है, जिससे लाभ के बजाय हानि होती है।

