होगा आपकी भी बुद्धि का विकास, आज ऐसे करें देवी स्कंदमाता को प्रसन्न

punjabkesari.in Thursday, Oct 03, 2019 - 09:41 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि आश्विन मास की पंचमी तिथि को सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री कहलाने वाली देवी मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां स्कंदमाता की पूजा संतान सुख के लिए लाभदायक मानी जाती है। इसके अलावा कहा जाता मां की आराधना करने से देवी अपने भक्तों की रक्षा अपने पुत्र के समान करती हैं। शास्त्रों के अनुसार स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कार इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है।
PunjabKesari, Sakandmata, devi sakandmata, स्कंदमाता
देवी स्कंदमाता की पूजा से होता है बुद्धि का विकास-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां की कृपा से बुद्धि का विकास होता है। साथ ही मां से ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है, पारिवारिक शांति प्राप्ति होती है तथा शुभता प्राप्त होती है।

पूजा में करें ज़रूर चंपा के फूल का प्रयोग-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसरा स्कंदमाता की पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ समय दिन का दूसरा पहर होता। साथ ही इसमें बताया गया है इनकी पूजा में चंपा के फूलों का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है। इसके अलावा इन्हें मूंग से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। श्रृंगार में इन्हें हरे रंग की चूडियां अर्पित करें। इनकी उपासना से ही रोगियों को रोगों से मुक्ति मिलती है और समस्त व्याधियों का अंत होता है। कहा जाता है देवी स्कंदमाता की साधना उन लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ है जिनकी आजीविका का संबंध मैनेजमेंट, वाणिज्य, बैंकिंग अथवा व्यापार से है।
PunjabKesari, Sakandmata, devi sakandmata, स्कंदमाता
मां का स्वरूप-
माता स्कंदमाता शेर पर सवार रहती हैं, इनकी चार भुजाएं हैं, दाईं तरफ़ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प धारण किए हुए हैं।

भोग-
माना जाता है मां स्कंदमाता को केले का भोग एवं केसर वाली डालकर खीर का प्रसाद भी अधिक पसंद है।
PunjabKesari, Kheer, खीर


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News