Som Pradosh Vrat: सोम प्रदोष व्रत पर बनेगा दुर्लभ योग, शिव पूजा का मिलेगा दोगुना पुण्य

punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 02:35 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Som Pradosh Vrat 2025: सनातन धर्म में भगवान शिव के पूजन का सर्वोत्तम समय प्रदोष काल माना गया है। जब यह प्रदोष तिथि सोमवार को आती है, तब इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। जो शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ और दुर्लभ योग प्रदान करने वाला दिन माना जाता है।

PunjabKesari Som Pradosh Vrat

Som Pradosh Vrat 2025 Kab Hai सोम प्रदोष व्रत 2025 की तिथि और समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 3 नवंबर 2025 को सुबह 5:07 बजे होगा और यह 4 नवंबर 2025 की रात्रि 2:05 बजे तक रहेगी। इसलिए सोम प्रदोष व्रत का पालन 3 नवंबर 2025, सोमवार को किया जाएगा।
इस दिन सोमवार, त्रयोदशी तिथि और रवियोग का संयोग बन रहा है, जो एक अत्यंत दुर्लभ और पुण्यदायक योग है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को दोगुना फल और पुण्य प्राप्त होता है।

Som Pradosh Vrat Significance सोम प्रदोष व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष स्थान है। यह व्रत हर माह दो बार आता है, एक बार कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को और दूसरी बार शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को। शास्त्रों में वर्णित है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक प्रदोष का व्रत रखता है, उसे भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत पापों का नाश, स्वास्थ्य, वैवाहिक सुख और जीवन में शांति प्रदान करता है। सोम प्रदोष व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ होता है जो मन की शांति, दांपत्य सुख या संतान प्राप्ति की कामना करते हैं।

PunjabKesari Som Pradosh Vrat
Som Pradosh Vrat Puja Vidhi सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थल को शुद्ध कर शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।
बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, जल और दूध से शिवलिंग को सजाएं।
भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी, गणेश और कार्तिकेय की सामूहिक पूजा करें।
प्रदोष व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
अंत में शिव चालीसा और आरती करें।
पूजा के बाद ही व्रत का पारण करें।

PunjabKesari Som Pradosh Vrat
Ravi Yog Benefits रवि योग का प्रभाव
3 नवंबर 2025 को सोम प्रदोष के दिन रवियोग भी बन रहा है। यह योग पूजा-पाठ, दान, और शिव आराधना के लिए अत्यंत मंगलकारी माना गया है। इस संयोग में किया गया हर शुभ कार्य दोगुना फल देता है।

Spiritual Message आध्यात्मिक संदेश
सोम प्रदोष व्रत का पालन केवल व्रत या नियम का पालन नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और भक्ति का मार्ग है। जो भक्त इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है, उसके जीवन से दुःख दूर होते हैं और उसके कर्मों का भार हल्का हो जाता है।

PunjabKesari Som Pradosh Vrat


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News