Solar Eclipse 2020: सूतक काल क्या होता है, पढ़ें महत्वपूर्ण जानकारी

punjabkesari.in Friday, Dec 11, 2020 - 06:57 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

When is the solar eclipse in India in 2020: वर्ष 2020 बहुत सी आकाशीय और खगोलीय घटनाओं का साक्षी रहा है। इस साल 6 ग्रहणों का योग बना। कई बार एस्टेरॉयड के आने की घटनाएं हुई। दुर्लभ धूमकेतु भी दिखाई दिया और इसी साल यानी वर्ष 2020 में कई ग्रह एक साथ आकाश में एक सीध में भी आए। ब्लूमून जैसी दुर्लभ घटना के हम साक्षी भी बने। अभी 30 नवंबर को ही चौथा और अंतिम चंद्रग्रहण भी लगा और अब 14 दिसंबर को इस साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है,  जिसके साथ ही 6 ग्रहणों की कड़ी भी पूरी हो जाएगी।

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Surya Grahan 2020: सूर्य ग्रहण को वैसे भी एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना और ज्योतिष की दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। जिसका देश-दुनिया ही नहीं,  अपितु पूरी सृष्टि पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। भारत में तो ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट तक बंद कर दिए जाते हैं और सभी शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर एहतियात बरतने के लिए कहा जाता है।

Solar eclipse december 2020: सूर्य को हिंदू शास्त्रों और ज्योतिष में आत्मा का प्रतीक माना गया है। इसे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का कारक माना गया है। ज्योतिष में इसे पिता का स्थान भी दिया गया है।

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What is Sutak Kaal for Solar eclipse: भले ही भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा और इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा लेकिन क्योंकि किसी भी ग्रहण का प्रभाव समूची सृष्टि पर पड़ता है इसलिए ग्रहण के दौरान मांगलिक कार्यों को अंजाम देना शुभ नहीं माना जाता। गर्भवती महिलाओं को भी ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलने से गुरेज करना चाहिए अन्यथा गर्भस्थ शिशु पर बुरा असर पड़ सकता है।

What is Sutak Kaal: वैज्ञानिक भी मानते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाले रेडिएशन बहुत घातक होता है इसलिए ग्रहण काल में बाहर जाना बाधित है। बहुत से लोगों की यह जिज्ञासा रहती है कि यह सूतक काल क्या होता है?

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Sutak period: सूतक का मतलब खराब समय से होता है। सूतक काल के दौरान जो हमारी नेचर है या कुदरत है, यह अपेक्षाकृत ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है और सूतक काल के दौरान किसी अप्रिय घटना होने की आशंका बनी रहती है इसीलिए कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान सावधान रहना चाहिए और लोगों को सावधान करने के लिए ही सूतक काल शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।

Daan this after surya grahan: सूर्य ग्रहण के बाद करें ये काम
गौ मूत्र और गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण करें। सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। महामंत्र का जाप भी किया जा सकता है। सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करें जैसे तांबा या उसे बनी कोई वस्तु, गेहूं, गुड़ और लाल वस्त्र।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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Niyati Bhandari

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