Smile please : युवा शक्ति का असली सूत्र क्या है ? ओशो ने बताया चौंकाने वाला सत्य
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 03:16 PM (IST)
Smile please : आशा, उत्साह और गति मिलाकर ही युवा शक्ति का निर्माण होता है किन्तु जो इन गुणों से हीन हो, वह कैसा युवा ? जो मन से जीवंत तथा युवा है, वही सच्चे अर्थों में युवा है। —ओशो

यह विशाल विश्व ब्रह्मा का पवित्र मंदिर है। शुद्ध चित्त ही पुण्य क्षेत्र है। सत्य ही शाश्वत धर्मशास्त्र है। श्रद्धा ही धर्म का मूल है। प्रेम ही परम साधन है। स्वार्थ नाश ही वैराग्य है। —महर्षि दयानंद
आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए गुरु की आवश्यकता होती है और गुरु उसी व्यक्ति को बनाना चाहिए जिसने आत्मज्ञान प्राप्त कर लिया हो, अन्यथा सब करे-धरे पर पानी फिर जाएगा। —साई बाबा
सद्गुरु सच्चे शूरवीर हैं, उनका कोई शत्रु नहीं है और न ही वे कहीं युद्ध करने के लिए जाते हैं। वे अपने प्रिय शिष्य की नख से शिखा तक की बुराइयों को दूर करने के लिए अपने ज्ञान रूपी शब्द बाण से हृदय को चूर-चूर कर देते हैं लेकिन बाहर से उसके घाव दिखाई नहीं पड़ते। —संत कबीर

जब अपने दिल में दाखिल होंगे तभी परमात्मा को जान पाओगे। निष्काम कर्म ही पूजा है। करो और छूट जाओ, आवागमन के चक्कर से।
जन्म हुआ है तो काम करो निठल्ले न बैठो, कुछ कर गुजरो। भलाई है इसी में।
भुगतना पड़ता है अपने कर्मों का फल एक न एक दिन सभी को। अपने आप को समझना पड़ता है अंतरमुखी होने के लिए। संत-महापुरुषों की जीवनियां पढ़ो। लाभ होगा, आएगी अक्ल। आध्यात्मिक जागरण से ही बनेगा भारत विश्व गुरु।

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