Smile please: महान विचार जो बदल देंगे आपकी सोच और जीवन के नजरिए

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 07:15 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Smile please: अगर आप खुद के मान-सम्मान को महत्व देते हैं तो गुणवान लोगों की संगति में रहें। खराब संगति में रहने से तो अच्छा है कि आप अकेले ही रहें।    —जॉर्ज वाशिंगटन
अपनी पीड़ा सह लेना और दूसरे जीवों को पीड़ा न पहुंचाना, यही तपस्या का स्वरूप है। —संत तिरुवल्लुवर
सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई दो ही गलतियां कर सकता है, पूरा रास्ता तय न करना और इसकी शुरुआत ही न करना।  —गौतम बुद्ध

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सर्वसाधारण जनता की उपेक्षा एक बड़ा राष्ट्रीय पाप है।  —विवेकानंद
जो काम उपाय से हो सकता है, वह पराक्रम से नहीं हो सकता।—नारायण पंडित
लोक के विरोध में खड़ा होने वाला व्यक्ति रावण
है, जो लोक में जल या वायु बन कर सबको शीतल करे वही राम है। —लक्ष्मी नारायण मिश्र
आशय शुद्ध हो तो रूखे वचन को भी सज्जन रूखा नहीं समझता। —अश्वघोष

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सबसे उत्तम तीर्थ अपना मन है जो विशेष रूप से शुद्ध किया हुआ हो। —स्वामी शंकराचार्य
तपस्या धर्म का पहला और आखिरी कदम है।  —महात्मा गांधी
अपनी पीड़ा सह लेना और दूसरे जीवों को पीड़ा न पहुंचाना, यही तपस्या का स्वरूप है। —संत तिरुवल्लुवर
उठो जागो और लक्ष्य तक मत रुको। —स्वामी विवेकानंद
मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होती। —चाणक्य
हजार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजेता है।—गौतम बुद्ध
मन एक भीरू शत्रु है, जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।  —प्रेमचंद
खुद को संकट में डाल कर कार्य संपन्न करने वालों की विजय होती है, कायरों की नहीं।—जवाहरलाल नेहरू

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Content Editor

Prachi Sharma

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