तांत्रिक विधा से स्थापित श्रीगणेश मंदिर, दर्शन करने से होता है कष्टों का निवारण

punjabkesari.in Tuesday, Nov 29, 2016 - 10:36 AM (IST)

1312 वर्ष पूर्व नवागढ़ में तांत्रिक विधा से सिद्ध गणेश मंदिर की स्थापना की गई थी। मंदिर के अग्रभाग में शमी का वृक्ष है। श्रद्धालु विघ्नहर्ता के साथ-साथ शमी वृक्ष के भी दर्शन करते हैं।

 

नवागढ़ रियासत के राजा नरबर साय ने सन् 704 में श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की थी। गणेश जी की प्रतिमा 6 फिट ऊंचे पत्थर की बनी है। मंदिर के अग्रभाग में तांत्रिक विधा से शमी वृक्ष विराजित है। मंदिर के परिसर में अष्टकोशीय कुआं, विशालकाय पत्थरों के लेख, पुरातन विधा अौर गौरवशाली इतिहास के साक्षी हैं। गीता प्रेस गोरखपुर में प्रकाशित धार्मिक पत्रिका 'कल्याण' के अंक में अविभाजित मध्यप्रदेश के सिद्ध गणेश स्थानों में एक नाम नवागढ़ का प्रमुखता से उल्लेखित है। 

 

माना जाता है कि नवागढ़ के गणेश मंदिर के अग्रभाग में शमी वृक्ष एक दुर्लभ संयोग है। शमी के पेड़ को शनिदेव का अवतार माना जाता है। सिद्ध गणेश मंदिर में श्रद्धालु विघ्नहर्ता के साथ-साथ शमी वृक्ष का भी दर्शन कर सकते हैं शमी वृक्ष के पूजन-दर्शन से विकार तत्वों से मुक्ति मिलती है। श्रीगणेश के इस मंदिर पर सालभर देश के कोने-कोने से भक्त कष्ट निवारण अौर मंगलकामना के लिए आते हैं। यह भारत का एक ऐसा मंदिर है, जहां श्रीगणेश अौर शमी वृक्ष के दुर्लभ दर्शन होते हैं। मंदिर के चारों अोर राज्य अौर देश के सिद्ध गणेश मंदिर की दुर्लभ प्रतिमाअों की प्रतिकृतियां स्थापित की गई हैं। जो एक ही जगह संपूर्ण तीर्थ का दर्शन करवाती है। सिद्धि टेक, जिला नागर महाराष्ट्र, गिरिजात्मज पुणे, महागणपति, वरद विनायक, मयूरेश्वर, बल्लालेश्वर, विध्नेश्वर में स्थापित श्रीगणेश के दर्शन नवागढ़ के इस मंदिर में किए जा सकते हैं। 


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