Sharad Purnima Kheer: इस शुभ मुहूर्त में रखें चांदनी में खीर और पाएं सेहत का खजाना
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 07:17 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Sharad Purnima Kheer 2025: शरद पूर्णिमा 2025 हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। साल में 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा धरती के सबसे नजदीक होता है और अपनी पूर्णता पर होता है। इसे रास पूर्णिमा या कोजागर पूर्णिमा भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा 2025 अपने जीवन में स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि लाने का शुभ अवसर है। भक्तों को चाहिए कि इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ खीर तैयार करें, चंद्रमा को अर्घ्य दें और लाभ-उन्नति मुहूर्त में खीर का सेवन करें। इस पावन पर्व से केवल भौतिक लाभ ही नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और आध्यात्मिक विकास भी प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत बरसाता है इसलिए इस दिन चांदनी में खीर बनाकर रखना और फिर उसका सेवन करना शुभ और फलदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस खीर में चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं और इसे खाने से शरीर स्वस्थ रहता है, रोग दूर होते हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
Sharad Purnima 2025 Date and Time शरद पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय
इस वर्ष शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार आश्विन पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर दोपहर 12:23 बजे से शुरू होकर 7 अक्टूबर सुबह 9:16 बजे तक रहेगी।
Sharad Purnima Moonrise and Moonset Timings शरद पूर्णिमा चंद्रोदय और चंद्रास्त समय:
Moonrise चंद्रोदय: 6 अक्टूबर, शाम 05:27 बजे
Moonset चंद्रास्त: 7 अक्टूबर, सुबह 06:14 बजे
Auspicious time to keep Kheer खीर रखने का शुभ मुहूर्त
पंडितों के अनुसार इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर खीर को लाभ-उन्नति मुहूर्त में चांदनी में रखना अत्यंत फलदायी है।
शुभ समय: रात 10:37 बजे से 12:09 बजे तक
इस समय में खीर चांद की किरणों में रखने से इसका औषधीय और अमृत समान प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। खीर का सेवन सुबह सूर्योदय से पहले करना शुभ माना जाता है।
Religious Significance of Sharad Purnima शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
इस दिन लक्ष्मी जी का जन्म हुआ माना जाता है इसलिए समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए विशेष महत्व है। भक्त इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं और खीर का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ पाते हैं। शरद पूर्णिमा को लेकर कहा जाता है कि इस रात को जागरण और भजन-कीर्तन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर वृद्धि योग और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र बन रहे हैं।
वृद्धि योग: प्रात:काल से दोपहर 01:14 बजे तक
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र: प्रात:काल से 7 अक्टूबर सुबह 04:01 बजे तक
इन योगों में खीर रखना और चंद्रमा को अर्घ्य देना विशेष रूप से शुभ माना गया है।
Scientific and health benefits of Sharad Purnima शरद पूर्णिमा का वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ
पारंपरिक ज्ञान के अनुसार, चंद्रमा की किरणों में रखी खीर में औषधीय गुण पैदा होते हैं। इसे खाने से शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, पाचन सुधरता है और मानसिक तनाव कम होता है। साथ ही यह धार्मिक क्रिया व्यक्ति में मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक ऊर्जा भी लाती है।