Sharad Purnima 2025: इस बार शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में बाधा बनने आ रही है भद्रा, जानें रात में कैसे रखें खीर !
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 06:43 AM (IST)

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Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक ऐसा पर्व है, जिसका संबंध सीधे अमृत और सौभाग्य से है। 2025 में भी यह तिथि विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगी। आपने बिल्कुल सही कहा, इस बार शरद पूर्णिमा की रात में भद्रा का साया रहने वाला है, जिससे भक्तों के मन में थोड़ी शंका है कि खीर को चांदनी में कैसे रखें और पूजा कब करें। वर्ष 2025 में शरद पूर्णिमा का पर्व 06 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। यदि कोई गलती से भी इस दौरान कोई शुभ कार्य करते हैं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि यदि रात के समय भद्रा का साया है तो खीर को चांदनी की रौशनी में कैसा रखा जाए। तो इसके लिए सबसे पहले जानते हैं भद्रा का समय क्या है ?
शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया
शरद पूर्णिमा के दिन भद्रा की शुरुआत दोपहर में 12:23 मिनट से शुरू होगी और रात में 10:53 मिनट पर इसका समापन होगा। इसके बाद आप खीर रख सकते हैं। रात 10:53 के बाद आप चांद की रौशनी में खीर को रख दें और अगली सुबह इसका सेवन कर लें। ऐसा करने से आपके तन और मन से जुड़ी सारी परेशानी दूर हो जाएंगी।
शरद पूर्णिमा की खीर का महत्व
यह माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणें अमृत बरसाती हैं। जब खीर को पूरी रात चांदनी में रखा जाता है, तो ये अमृत किरणें उसमें समाहित हो जाती हैं। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। खीर को मां लक्ष्मी का प्रिय भोग माना जाता है। इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने और इसका दान करने से धन की देवी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इसी रात गोपियों के साथ महा-रासलीला की थी। खीर का प्रसाद ग्रहण करना इस दिव्य आनंद और प्रेम का अनुभव करने जैसा माना जाता है।