Shani Vakri 2025: 138 दिन के लिए शनि वक्री, 03 राशियों की होगी चांदी

punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 08:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shani Vakri 2025: शनि देव वक्री होने जा रहे हैं। 138 दिन का पीरियड है जब शनि देव मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। अब मीन राशि में जब शनि देव वक्री हो रहे हैं, तो उसका आपके ऊपर क्या असर पड़ेगा ? ट्रांजिट में हर प्लनेट का एक अलग तरीके से असर होता है। ट्रांजिट में कुछ राशियों के लिए अच्छा होता है और कुछ राशियों के लिए खराब होता है। इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे कि आपके ऊपर आपकी राशि के ऊपर इसका क्या असर होने जा रहा है। क्योंकि मीन राशि में जब शनि है तो कुछ राशियों के ऊपर साढ़ेसाती चल रही है। कुछ राशियों के लिए गोचर यह अच्छा भी है। सबसे पहली राशि जिसके लिए शनि का यह गोचर बहुत अच्छा होने जा रहा है, वह है तुला राशि। 

तुला राशि : तुला राशि के वह जातक जो स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए हैं। उनके ऊपर इस समय शनि ही महाद शनि की ही महादशा चल रही है। यदि आपका नक्षत्र स्वाति है, राशि तुला है, आपकी उम्र 30 से 50 साल के बीच है, तो आप शनि की महादशा में ही हैं। तो महादशा नाथ का शुभ गोचर में आ जाना बहुत अच्छा है। एक दूसरा शुभ गोचर में भी आकर वक्री हो जाना बहुत अच्छा है। तुला राशि के लिए अच्छा इसलिए है क्योंकि तुला राशि के जातकों के लिए शनि  योगाकारक ग्रह हो जाते हैं। योगाकारक ग्रह इसलिए यह कुंडली आपके सामने है। तुला राशि के लिए शनि का चौथा भाव होता है कुंडली का वहां पर शनि की मकर राशि आ जाएगी। पंचम में यहां पर कुंभ राशि आ जाएगी। तो एक केंद्र और एक एक त्रिकोण का स्वामी होने के कारण शनि की स्थिति आपके लिए योगाकारक ग्रह वाली हो जाती है और योगाकारक ग्रह अक्सर अच्छा फल कर जाते हैं। छठे में बैठकर शनि आपके लिए बहुत अच्छा फल करेंगे क्योंकि यह आपके महादशा भी हैं, छठे भाव में भी हैं। अचानक से इन 138 दिनों में अचानक से आपको कोई न कोई फायदे हो सकते हैं। सबसे पहले तो शनि चौथे भाव का फल करेंगे। चौथा भाव आपकी प्रॉपर्टी का भाव होता है। आपकी मदर की सेहत यहां से देखी जाती है।  यदि आप स्टूडेंट हैं तो आपको स्टूडेंट्स को भी वहां पर उसका फायदा हो सकता है। तो निश्चित तौर पर तुला राशि के जातकों के लिए सबसे पहले तो चौथे भाव से संबंधित फल मिलेंगे। कोई न कोई नई चीज आप परिवार में ले आ सकते हैं। पंचम भाव एक्टिव हो जाएगा। पंचम भाव के स्वामी की दशा चल रही है और वही वक्री हो गया। यहां पर शनि बैठ जाते हैं उस भाव को मजबूत कर देते हैं। तो तुला राशि के जितने भी जातक यदि कर्ज की स्थिति से गुजर रहे हैं तो निश्चित तौर पर इन 138 दिनों में शनि आपके लिए अच्छा फल करेंगे। कर्ज धीरे-धीरे उतरना शुरू हो सकता है। यदि आपका पैसा कहीं कहीं पर फंसा हुआ है तो वह पैसा भी आपको हो सकता है कि वापस आना शुरू हो जाए। दूसरा छठा भाव क्योंकि रोग, ऋण और शत्रु का भाव होता है। यदि किसी के ऊपर कोई कोर्ट केस चल रहा हैतो वहां पर भी आपको इसका डेफिनेटली लाभ मिलता हुआ नज़र आएगा। इन 138 दिनों में वहां पर भी कुछ न कुछ चीज़ें आपको अच्छी सुनने को मिलेंगी लेकिन इसके बावजूद थोड़ा सा ध्यान ड्राइविंग में जरूर रखना है क्योंकि अष्टम पे तीसरी दृष्टि जा रही है शनि की। तो हो सकता है कि कहीं न कहीं दुर्घटना हो जाए या आपकी सीक्रेसी कॉम्प्रोमाइज हो जाए।  तुला राशि जो जातक खासतौर पर जो स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए हैं, जिनके ऊपर इस समय दशा वह शनि की चल रही है। तो यह इसके इसके साथ-साथ एक और चीज का आप ध्यान रखिएगा कि 12वें भाव के ऊपर शनि की दृष्टि जा रही है, वक्री शनि है। थोड़े से खर्चे ज्यादा हो सकते हैं। इसका आपको जरूर ध्यान रखना है कि अपना बजट उस तरीके से मैनेज करिए ताकि आपके खर्चे यदि बढ़ भी जाए थोड़े से तो आपको उसमें कोई परेशानी न हो। 

वृषभ राशि: वृषभ राशि शुक्र की राशि है। वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि योगाकारक हो जाते हैं। वृषभ राशि के लिए यह गोचर अच्छा इसलिए है क्योंकि वृषभ राशि से शनि 11वें में गोचर कर रहे हैं। 11 में शनि का गोचर है, 11वां भाव भी मजबूत हो गया इसलिए आपको 11वें से संबंधित अच्छे फल जरूर मिलेंगे। यदि आपकी प्रमोशन पेंडिंग है तो हो सकता है कि वहां पर चीजें आगे सरकती हुई नजर आए। यदि आपका इनकम को लेकर कोई दिक्कत चल रही है, फ्लो को लेकर कोई दिक्कत चल रही है तो हो सकता है कि वहां पर चीजें ठीक हो जाए। यदि लिटिगेशन कोई चल रही है तो उसका समाधान मिलता हुआ नजर आएगा।  जो वृषभ राशि होती है उस कुंडली में शनि की जो मकर राशि है वह आपके भाग्य स्थान में आ जाती है। भाग्य स्थान में मकर राशि के आने के कारण, भाग्य थोड़ा सा साथ देता हुआ नजर आएगा। क्योंकि आपका जो प्लनेट शनि वक्री अवस्था में चल रहा है।निश्चित तौर पर वह आपके लिए भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। धार्मिक यात्राएं आप इस दौरान कर सकते हैं और कोई भी आप काम करेंगे उसमें आपको थोड़ा सा आसानी होती हुई नजर आएगी। इसके अलावा शनि दशम के भी स्वामी हो जाएंगे। 11 राशि कुंभ राशि है जो दशम में आ जाती है, वृषभ राशि के जातकों के लिए तो कर्म से संबंधित फल भी आपको निश्चित तौर पर उसके अच्छे मिलते हुए नजर आएंगे। किसी भी तरह का काम जहां से आपको अर्निंग्स आती है, वह सारा दशम से देखा जाता है। तो निश्चित तौर पर कारोबार के लिहाज से भी यह गोचर या शनि का वक्री होना अच्छा है क्योंकि भाग्य स्थान का स्वामी और दशव का स्वामी दोनों का वक्री है। यह केंद्र और त्रिकोण के भाव है, शनि आपके लिए भी योगाकारक है। तो निश्चित तौर पर योगाकारक ग्रह का वक्री हो जाना वृषभ राशि के जातकों के लिए काम के लिहाज से, पैसे के लिहाज से, इच्छाओं की पूर्ति के लिहाज से, प्रमोशन के लिहाज से, कोर्ट केसेस के लिहाज से और अध्यात्म के लिहाज से काफी अच्छा रहने वाला है। 

मकर राशि: मकर राशि के लिए पहले वह शनि राशि के स्वामी हैं। दूसरा मकर राशि के लिए अभी साढ़ेसाती हाल ही में खत्म हुई है पर शनि शुभ गोचर में चल रहे हैं। शनि का तीसरे, छठे और 11वें का गोचर शुभ होता है। तो मकर राशि के लिए यह गोचर तीसरे भाव का है। तो राशि के स्वामी का वक्री हो जाना, शुभ स्थिति में जाकर वक्री हो जाना निश्चित तौर पर आपके लिए अच्छा है। कंधे से संबंधित कोई भी समस्या आती है तो आपकी तीसरे भाव से देखी जाती है। तो यदि आपको भाइयों का साथ नहीं मिल पा रहा या भाई के साथ किसी तरीके का क्फ्लिक्ट चल रहा है तो हो सकता है कि इस दौरान यह चीजें थोड़ी सी ईज़ आउट होती हुई नजर आए। तीसरा भाव पराक्रम का भाव है, आप कोई भी डिसीजन करेंगे इस 138 दिन के दौरान तो आप पूरे कॉन्फिडेंस के साथ करेंगे। राशि का स्वामी शुभ स्थिति में है तो निश्चित तौर पर आप खुद को थोड़ा सा एंथिज्म में भी पाएंगे। थोड़ा सा उत्साह आपका बढ़ा हुआ नजर आएगा। कोई भी काम करेंगे आप पूरे उत्साह के साथ करेंगे। मकर राशि के जातक थोड़े से सुस्त होते हैं लेकिन यह सुस्ती थोड़ी सी निकल जाएगी। अब इसके लिए इसके अलावा जो दूसरा भाव होता है मकर राशि के जातकों के लिए वहां पर शनि की मूल त्रिकोण राशि आ जाती है, कुंभ राशि आती है। इससे आपको निश्चित तौर पर कारोबार में वृद्धि होती नजर आएगी क्योंकि कारोबार बढ़ेगा। तभी आपका धन बढ़ेगा, धन में वृद्धि होती हुई नजर आएगी। अचानक कहीं से आपको धन का लाभ हो सकता है। पंचम स्थान के ऊपर शनि की दृष्टि रहेगी। कोई भी डिसीजन मेकिंग करेंगे थोड़ा सा रुक जाइएगा। यदि आप मैरिड हैं, आपकी संतान है तो संतान के पक्ष से हो सकता है कि थोड़ा सी दिक्कत हो जाए। शनि की दशम दृष्टि रहेगी आपके 12वें भाव के ऊपर। 12वां आपकी यात्रा का भाव होता है लेकिन थोड़ा सा खर्च में वृद्धि हो सकती है इसलिए खर्चे थोड़े से बढ़ सकते हैं। 

शनि के उपाय:

ब्लैक कलर थोड़ा सा अवॉइड करें। 

उड़द की दाल शनिवार शाम को दान कर सकते हैं। जब भी कोई दान करना है तो अपने नाम का अपने राशि का नक्षत्र का और गोत्र का संकल्प लेकर करना है। संकल्प लेकर किया गया दान सात्विक दान कहलाता है। उसके बिना यदि आप दान करेंगे तो वह दान आपको लगता नहीं है। इसकी टाइमिंग आपकी शाम की ही रहेगी। इसके अलावा शनिदेव की आरती में भाग ले सकते हैं।

शनि देव की शिला पर तेल अर्पित कर सकते हैं। 

रेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News