24 फरवरी से शुरू होगी मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती
punjabkesari.in Saturday, Feb 24, 2024 - 07:05 AM (IST)
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Shani Sade Sati: मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होने जा रही है 24 फरवरी से। चन्द्रमा आपकी कुंडली में है मेष राशि है। जब शनि चंद्रमा के ऊपर से, आगे या पीछे हो तो शनि की साढ़ेसाती होती है। शनि की साढ़ेसाती का मतलब होता है साढ़े सात साल। शनि एक राशि में कम से कम ढ़ाई साल रहते हैं। आपकी कुंडली में साढ़ेसाती कब शुरू होगी ये चन्द्रमा की पोजीशन पर डिपेंड करता है। मानलीजिए आपकी राशि मेष है और आपका चंद्रमा 0 डिग्री पर है। आप शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में आ जाएंगे। 29 मार्च 2025 में ये राशि परिवर्तन करेंगे। मेष राशि जातक शनि के प्रभाव में आ जाएंगे।
2 मई 2026 तक मेष राशि के सारे जातक धीरे-धीरे शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में आ जाएंगे। जिनकी शनि की साढ़ेसाती की शुरू हो रही है उनकी खत्म भी जल्दी हो जाएगी। शनि एक मंदगामी ग्रह हैं, इनका प्रभाव बहुत तीव्र होता है। शनि की दृष्टि जहां जाती है उन भावों को प्रभावित कर देते हैं। गोचर के लिहाज से चन्द्रमा के तीसरे भाव में शनि का गोचर हो रहा है। 3 भावों में शनि का गोचर बढ़िया होता है। शनि की साढ़ेसाती का फैसला आपकी कुंडली का अष्टक वर्ग करता है। शनि का प्रभाव सबके ऊपर अलग-अलग होता है। इस वजह से कुछ जातकों को शनि की साढ़ेसाती का बढ़िया प्रभाव देखने को मिलता है। कुछ लोगों के लिए शनि शुभ फल में होते हुए भी शुभ फल नहीं करते।
शनि आपकी पहली ढैया में आते हैं तो आपके धन भाव को प्रभावित करते हैं। शनि की साढ़ेसाती में कर्जा भी हो सकता है और बीमारी भी हो सकती है। शनि जब दसवीं दृष्टि को देखते हैं तो भाग्य का साथ कम मिलता है। दूसरे भाव में जब शनि आते हैं तो तीसरे भाव को देखते हैं। पराक्रम में कमी देखने को मिलती है। पार्टनर के भाव के ऊपर शनि की दृष्टि आती है आपको कष्ट होता है। शनि चौथे भाव को देखते हैं जो सुख स्थान है। यदि आपकी कुंडली में शनि ठीक नहीं हैं तो आपको शनि देव के मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ शं शनैश्चराय नमः
काली उड़द की दाल दान करें।
शनि चालीसा का पाठ करें।
नरेश कुमार
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