शनि जयंती: 205 साल बाद बना दुर्लभ योग, ये दान देगा महालाभ
punjabkesari.in Wednesday, May 09, 2018 - 10:02 AM (IST)
पुराणों के अनुसार शनि देव का जन्म सूर्य के स्वामित्व वाले नक्षत्र कृत्तिका में हुआ था। अत: इस दिन उनका जन्मदिन मनाए जाने का विधान है। 2018 में यह शुभ दिन मंगलवार, 15 मई को शनि जयंती के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी पड़ रही है। शनि जयंती के अवसर पर शनि हमेशा वक्री अवस्था में होते हैं। इस बार शनि जयंती पर दुर्लभ योग बन रहे हैं। हनुमान जी को समर्पित मंगलवार के दिन शनि जंयती आएगी। इस दिन पर मंगल ग्रह का भी अधिपत्य स्थापित है। वर्तमान समय में मंगल अपनी उच्च राशि मकर में हैं। शनि जयंती 205 साल बाद इस दिन आई है। आज से पहले 30 मई 1813 में ये मंगलवार को आई थी। तब भी मंगल, केतु के साथ मकर राशि में और राहु कर्क राशि में थे और बुध मेष में थे। 2018 में शनि धनु राशि में वक्री चल रहे हैं। आज से 29 वर्ष पूर्व भी शनि धनु राशि में थे जब शनि जयंती मनाई गई थी। अपनी राशि अनुसार करें दान, मिलेगा महालाभ
मेष- किसी गरीब को तेल और नमक दान में दें।
वृषभ- गुड़ और चने का दान जरूरतमंद को दें।
मिथुन- असहाय को अपने पुराने कपड़े और अन्न का दान करें।
कर्क- गौ माता को हरा चारा और कुत्ते को रोटी खिलाएं।
सिंह- अपने घर की छत या खुले स्थान पर पंछियों के लिए दाना-पानी रखें, बुजुर्गों की सहायता करें।
कन्या- भिक्षुक को चावल का दान करें।
तुला- गरीबों को अन्न-फल का दान करें।
वृश्चिक- पंछियों के लिए दाने-पानी का इंतजाम करें। निर्धनों में अन्न बांटें।
धनु- बुजुर्गों की सहायता करें, अपनी शक्ति के अनुसार अन्नदान करें।
मकर- पशुओं को जल, हरी घास और अन्न दें।
कुंभ- गरीबों में मिठाईयां बांटें।
मीन- निर्धनों को फल और फलों के रस का दान दें।