Shadashtak yoga 2024: 20 अक्टूबर से मंगल-शनि का अशुभ षडाष्टक योग, रहें सावधान

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2024 - 11:21 AM (IST)

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Shadashtak yoga 2024: आज बात करेंगे ऐसे योग की बात करेंगे जिसे बहुत अच्छा नहीं समझा जाता। यह योग है षडाष्टकयोग और षडाष्टक योग वैसे तो बहुत सारे प्लेनेट के बीच बनता है लेकिन मंगल और शनि का षडाष्टक योग अशुभ होता है। इसका कारण यह है कि यह दोनों ही फायरी प्लेनेट है। मीन पापी ग्रह है मंगल फायरी प्लेनेट है, शनि वैसे भी पाप ग्रह है और जब ये दोनों ग्रह जो है वो एक दूसरे से छ, आठ की पोजीशन में आकर योग बनाते हैं वो अशुभ माना जाता है। उसके परिणाम दुनिया के लिए भी अच्छे नहीं होते। छठे, आठवें का एक्सेस इसलिए अच्छा नहीं है क्योंकि छठा भाव शत्रु का भाव होता है। अष्टम भाव अच्छा भाव नहीं है इसे लॉस का भाव कहा जाता है। तो इसलिए जब कोई पाप ग्रह छ, आठ के एक्सिस पे आ जाता है तो वो थोड़ा सा अच्छा नहीं बनाता। मंगल-शनि इसलिए क्योंकि मंगल किसी भी राशि में गोचर करेंगे तो कम से कम 45 दिन के लिए जरूर करेंगे।  लेकिन यह जो गोचर अगले 94 दिनों के लिए बनने जा रहा है। 20 अक्टूबर को मंगल कर्क राशि में आ जाएंगे और शनि पहले से कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। जैसे ही मंगल कर्क राशि में आएंगे कुंभ राशि में शनि के साथ षडाष्टक योग बन जाएगा। इस अवधि के दौरान मंगल वक्री भी होंगे। शनि पहले से वक्री चल रहे हैं 15 को मार्गी हो जाएंगे 6 दिसं मंगल वक्री हो जाएंगे यह फिर आगे जाकर 21 जनवरी को मिथुन राशि में जाएंगे। वक्री अवस्था में तब तक यह योग चलता रहेगा हालांकि मंगल ने आगे जाकर फिर कर्क राशि में जाना है। 2 अप्रैल को लेकिन उससे पहले 29 मार्च को शनि राशि बदल लेंगे। इसलिए जब दोबारा कर्क में आएंगे तो  षडाष्टक योग नहीं बनेगा। यह योग काअसर रहेगा वो रहेगा 94 डेज यानी कि 20 अक्टूबर से लेकर 21 जनवरी तक का जो पीरियड है वो  षडाष्टक योग रहेगा। इसका चार राशियों के ऊपर नेगेटिव असर देखने को मिल सकता है।

 कर्क राशि: कर्क राशि के ऊपर क्योंकि शनि की ढैया चल रही है। यह ढैया 29 मार्च 2025 तक चलेगी। इसी ढैया के बीच कर्क राशि के ऊपर से मंगल का गोचर होना और शनि से छठे भाव में आ जाना यह अच्छा नहीं है। मंगल से शनि अष्टम में है, शनि से मंगल छठे में है। कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल योगा कारक होते हैं। मंगल आपको पंचम के अच्छे फल करेंगे और आपको इसके दशम भाव के अच्छे फल करेंगे। मंगल आपके लिए दशम के भी स्वामी है और पंचम के भी स्वामी हैं। यह स्थिति अच्छी है काम के लिहाज से लेकिन मंगल आपके पार्टनर के साथ झगड़ा करवा सकते हैं। यहां पर मंगल दुर्घटना के योग बना रहे हैं। यहां पर मंगल की क्योंकि दृष्टि अष्टम पर पड़ रही है, जहां पर ऑलरेडी शनि पड़े हुए हैं। यानी कि आपका अष्टम दो नेगेटिव प्लेनेट से एक्टिव हो जाएगा। दो नेगेटिव प्लेनेट से एक्टिव होने का मतलब यह है कि कर्क राशि के जितने भी जातक हैं  20 अक्टूबर से लेकर 21 जनवरी तक वाहन सावधानी से चलाए। अपने पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें। यहां पर दो नेगेटिव प्लांट का इन्फ्लुएंस ये बताता है कि आपकी सीक्रेसी कंप्रोमाइज हो सकती है। इसके अलावा अपने पार्टनर के साथ थोड़ा सा टेंपरामेंट अपना लो रखिए। चंद्रमा के ऊपर से मंगल का गोचर जो फायरी प्लेनेट है शनि की दृष्टि आपके वाणी वाले भाव के ऊपर। शनि अष्टम में बैठे हैं वो सीधा देखेंगे वाणी वाले भाव को तो वो आपको डिस्टर्ब कर सकते हैं। यह कुटुंब भाव होता है दूसरा वहां पर आपको समस्या हो सकती है। रिलेशनशिप में इन चीजों का कर्क राशि के जातकों को खास तौर पर ध्यान रखना है।

सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए यहां शनि का गोचर हो रहा है वो सप्तम भाव में और कर्क राशि में मंगल आएंगे 12वें भाव में। अब यहां पर मंगल जाएंगे आपके लिए सिंह राशि के जातकों के लिए 12वें भाव में और शनि यहां पर सप्तम में बैठे हैं। मंगल की दृष्टि सप्तम से आ रही है सीधी बारहवें से। छठे भाव के ऊपर भी मंगल की चार दृष्ट तीन दृष्टियां होती है। मंगल बारहवें में बैठेंगे तो चौथी दृष्टि से तीसरे भाव को देखेंगे, सातवीं दृष्टि से छठे भाव को देखेंगे और आठवीं दृष्टि से आपके सप्तम भाव को देखेंगे। सिंह राशि के जातकों के लिए पार्टनर के लिहाज से थोड़ा सा सेंसिटिव समय है। 20 अक्टूबर से लेकर 21 जनवरी तक का क्योंकि यहां पर सप्तम वो दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ जाएगा। सिंह राशि के जितने भी जातक पार्टनरशिप में बिजनेस कर रहे हैं उनको थोड़ा सा अलर्ट रहना चाहिए। अपने पार्टनर को लेकर यदि आप मैरिड हैं तो थोड़ा सा पार्टनर की हेल्थ को लेकर अवेयर रहिए। इसके अलावा पार्टनर के साथ कंफ्लेक्स है। जब पार्टनर के साथ कंफ्लेक्स है आपका क्योंकि 12वां भाव जो होता है। सिंह राशि के जातक वैसे ही फायरी नेचर के होते हैं हालांकि सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल योगा कारक होते हैं लेकिन प्लेनेट का 12वें जाना अच्छा नहीं है। किसी भी हाल में तो 12वें जब मंगल है मंगल है और शनि सप्तम में पड़े हैं। दो पाप ग्रहों का प्रभाव आपके ऊपर सीधा-सीधा आ रहा है। यहां पर आपको सावधान रहना पड़ेगा। किसी को भी पैसा मत दीजिएगा। आप यहां पर किसी को पैसा देंगे तो फंस जाएगा क्योंकि मंगल छठे को देख रहे हैं। मंगल छठे के कारक होते हैं लेकिन छठा रोग ऋण शत्रु का भाव है किसी भी अनावश्यक विवाद से बचिए पैसा मत दीजिए। किसी को उधार पैसा देंगे तो फंस जाएगा और पार्टनर के साथ कंफ्लेक्स है। अपने खान-पीन का जरूर ध्यान रखिए। यह सिंह राशि के जातकों को इस दौरान जो योग बन रहा पूरा ध्यान रखना पड़ेगा। 

धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए इस समय शनि का गोचर हो रहा है। आपके तीसरे भाव से और मंगल यहां पर गोचर करेंगे। धनु राशि के जातकों को अष्टम से संबंधित फल नेगेटिव मिल सकते हैं। अष्टम सीक्रेसी का भाव होता है, सीक्रेसी कंप्रोमाइज हो सकती है। छोटे भाई का विचार यहीं से किया जाता है।  तीसरे भाव से आता है। यहां पर शनि हालांकि अच्छे गोचर में होते हैं लेकिन मंगल की इस परे दृष्टि आ गई तीसरा भाव दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ गया है। तो हो सकता है कि कोई भी आप काम करने जाए उसमें आपका कॉन्फिडेंस न बन पाए। 21 जनवरी के बाद चीजें सामान्य हो जाएंगी, इससे बचना चाहिए। जहां पर  मंगल जब बैठेंगे आपकी कुंडली में अष्टम में तो आपके 11थ हाउस को देखेंगे। यहां पर 11थ हाउस वह आपकी आय का भाव होता है। आय में थोड़ी रूकावट आ सकती है। यदि आपको प्रमोशन मिलता है या कोई इंसेंटिव्स मिलते हैं तो वहां पर हो सकता है कि कहीं न कहीं आपको रुकावट देखने को मिले। 

मकर राशि: मकर राशि शनि की राशि है और शनि की राशि में मंगल वैसे ही अच्छा फल नहीं करते।  यहां पर मंगल सप्तम में आ जाएंगे। राशि के साथ-साथ आपके धन भाव को भी देखेंगे। धन भाव में पहले से शनि का गोचर हो रहा है और धन भाव आपका कुटुंब भाव भी होता है। यहां पर मंगल की दृष्टि आपकी राशि के ऊपर भी पड़ेगी। आपका टेंपरामेंट लूज करवाएंगे। मंगल यहां पर न सिर्फ सातवें में बैठकर आपके दशम को डिस्टर्ब करेंगे। दशम आपका कर्म होता है। आपका कारोबार आपकी नौकरी कुछ भी आप करते हैं काम करते हैं वो दशम से आता है। तो यहां पर मंगल बैठेंगे तो सीधा दशम को प्रभावित करेंगे, आपकी राशि को प्रभावित करेंगे। यह स्थिति अच्छी नहीं है मकर राशि के जातकों के लिए हालांकि ये शनि की राशि है। शनि धन भाव में बैठे हैं लेकिन चूंकि धन भाव दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ जाएगा इसलिए धन की हानि यहां पर हो सकती है। पार्टनर की हेल्थ को लेकर इशू हो सकता है। आपके कारोबार में कहीं न कहीं रुकावट देखने को मिल सकती है।


नरेश कुमार
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Content Editor

Prachi Sharma

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