Sawan 2020: आज भगवान शिव और मां पार्वती आएंगे धरती पर, ऐसे करें उन्हें प्रसन्न !

punjabkesari.in Monday, Aug 03, 2020 - 07:39 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Sawan 2020: ऐसी मान्यता और जन आस्था है कि सावन के अंतिम सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती पृथ्वी लोक का भ्रमण करने आते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। सावन के अंतिम सोमवार के दिन रुद्राभिषेक, रुद्राष्टक और लिंगाष्टक का पाठ करना बहुत ही फलदाई माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि सावन के अंतिम सोमवार को बेलपत्र, दूध और जल चढ़ाकर भोले शंकर की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा भक्तों को मिलती है। सावन के अंतिम सोमवार को पितृ तर्पण और ऋषि पूजन भी किया जाता है और शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि अंतिम सावन के सोमवार को पित्र तर्पण व ऋषि पूजन करने से हमें पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है और हमारे जीवन के संकट भी समाप्त हो जाते हैं।

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मैं यह भी बताना चाहूंगा कि इस बार सावन में 5 सोमवार आए जो भगवान शिव के 5 मुखों का प्रतीक हैं। भगवान शिव का पांचवा मुख सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और  ईशान हुए और प्रत्येक मुख में तीन - तीन नेत्र बन गए। तभी से वे पंचानन या पंचवक्त्र कहलाने लगे। ऐसा माना जाता है कि शिव के यह पांच मुख ही सृष्टि, स्थिति, लय, अनुग्रह एवं निग्रह इन पांच कार्यों की निर्मात्री पांच शक्तियों के संकेत हैं । शिव पुराण में भी यह वर्णन है कि सृष्टि, पालन, संहार, तिरोभाव और अनुग्रह यह पांच कार्य भगवान शिव के पांचों मुखों द्वारा धारित हैं।

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सावन के अंतिम सोमवार को भगवान शिव के इन पंचमुख के अवतार की कथा पढ़ने और सुनने का बहुत ही महत्त्व बताया गया है। सावन के अंतिम सोमवार के दिन हमें - ओम नमः शिवाय,  ओम सर्वात मने नमः,  ओम त्रिनेत्राय नमः व ओम हराए नमः मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। इस से कार्य सिद्धि भी होती है।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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Niyati Bhandari

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