सौरभ शुक्ला को धीरे-धीरे मिल रही है सफलता

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 10:31 AM (IST)

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सौरभ शुक्ला एक बेहतरीन और जबरदस्त कलाकार हैं। उन्होंने अपने अभिनय से फिल्म जगत में एक अलग पहचान बनाई है। इन्होंने 'सत्या, 'अर्जुन पंडित, 'बर्फी, 'जॉली एल.एल.बी., 'किक और 'पीके जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का परिचय दिया है। 'जॉली एल.एल.बी. में इनको इनके अभिनय के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए भी सम्मानित किया है। सौरभ शुक्ला एक अभिनेता के साथ-साथ थिएटर कलाकार, निर्देशक और स्क्रीनराइटर भी हैं। इनका जन्म मिथुन राशि और मिथुन ही लग्र में हुआ है जिसका स्वामी ग्रह बुध है और इनका जन्म बृहस्पति की महादशा में हुआ है।
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सौरभ शुक्ला की जन्म कुंडली जन्म : 5 मार्च 1963, 12 बजे, गोरखपुर (कुंडली)
चूंकि इनका जन्म मिथुन लग्र में हुआ है इसलिए दयालुता, बुद्धिमता और वाकपटुता के द्वारा सबको अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। भाषण कला और विनम्रता के धनी हैं। मिथुन राशि होने से सिद्धांतवादी और अनुशासनप्रिय वाला व्यक्तित्व है। लग्नेश का नवम भाव में होना व्यक्ति को भाग्यशाली बनाता है और सौरभ शुक्ला 'जादू का भूत है। बुध एक राजकुमार ग्रह है और नवम भाव में स्थित है तथा लग्र में चन्द्रमा का होना और वाणी के स्थान में मंगल, शनि और शुक्र के होने से वाणी में मिठास और झूठ-सच जैसी खिचड़ी बनी हुई है जो जीवन में बोलने के लिहाज से ही आकर्षित कर रहा है। इसी कारण इनके जीवन में कॉमेडी का महत्व बन रहा है।
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'जो बोले वो सच हो जाए ऐसा जीवन पाये बुध और सूर्य नवम में होने से इनको पैतृक संपत्ति दिलाता है और गुरु के साथ होने से सुख की प्राप्ति जीवन भर रहती है। सौरभ शुक्ला का सूर्य पापी है किन्तु यहां पाप प्रभाव न देकर शुभ प्रभाव दे रहा है इसलिए अपने परिवार के लिए अपनी कुर्बानी देने को सदा तत्पर है इसी कारण इन्हें भौतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूतबा प्राप्त हो रहा है और इनका जनसंपर्क बढ़ता जाएगा। 
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गुरु, सूर्य और बुध की युक्ति इनको पराक्रमी बनाती है और राजपक्ष से लाभ दिलाने के साथ-साथ मुकद्दमों में विजय दिलाएगी। यदि कहा जाए तो सौरभ शुक्ला को 'दहकता सोना भी बोला जा सकता है। विवाह के बाद भाग्योदय होने का योग बना हुआ है। जीवन के अंतिम भाग में गंगा स्नान का सुख प्राप्त होगा। शुक्र, शनि और केतु की अष्टम भाव में युति इनकी शल्य चिकित्सा योग बना रही है और जीवनसंगिनी द्वारा निकला कोई भी शब्द पत्थर की लकीर बनेगा। शनि के कारण विमल नामक विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है और जीवन में सफलता धीरे-धीरे प्राप्त करवा रहा है। प्रतिदिन कुत्ते को रोटी देने से जीवन में अधिक सफलता मिलेगी।

—ज्योतिर्विद बॉक्सर देव गोस्वामी


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