Sarva Pitru Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या पर इस दिशा में करें तर्पण, पूर्वज होंगे प्रसन्न
punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2024 - 11:07 AM (IST)
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Sarva Pitru Amavasya 2024: आश्विन अमावस्या को Sarva Pitru Amavasya सर्व पितृ अमावस्या, Pitru Amavasya पितृ अमावस्या या महालय अमावस्या कहते हैं। Sarva Pitru Amavasya सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध का अंतिम दिन होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण दिन भी होता है। इसी के साथ पितृ पूजन का महापर्व यानी कि पितृपक्ष समाप्त हो जाएगा। पितृपक्ष के बीते 14 दिनों में जो लोग अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण नहीं कर पाए होंगे या जिन्हें पितरों के निधन की सही तिथि की जानकारी नहीं होगी, ऐसे सभी लोग अपने भूले-बिसरे पितरों का श्राद्ध तर्पण आदि करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती पर विचरण करने आते हैं और आश्विन माह की अमावस्या के दिन पुन: परलोक चले जाते हैं। एक प्रकार से सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों की विदाई का दिन है।
On Sarva Pitru Amavasya perform Tarpan like this सर्व पितृ अमावस्या पर यूं करें तर्पण
तांबे के पात्र में गंगाजल लें। अगर गंगाजल उपलब्ध न हो तो शुद्ध जल भी ले सकते हैं। उसमें गाय का कच्चा दूध और थोड़े से काले तिल डालें। अब उस पात्र में कुशा डालकर उसे मिलाएं। स्टील का एक अन्य पात्र लें और उसे अपने सामने रखें। दक्षिणाभिमुख होकर खड़े हो जाएं। कुशा के साथ तांबे के पात्र के जल को स्टील के पात्र में धीरे-धीरे गिराएं। ध्यान रहे कि कुशा न गिरे। सर्व पितृ अमावस्या के दिन तर्पण के बाद श्रद्धा से जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। शास्त्रों में इसका बहुत महत्व बताया गया है। परम्परा के अनुसार श्राद्ध के बाद गाय, कौवा, अग्नि, चींटी और कुत्ते को भी भोजन अर्पित किया जाता है।
ब्राह्मणों को खाना खिलाने के लिए उत्तर दिशा का चयन करना अच्छा रहता है। Sarva Pitru Amavasya सर्व पितृ अमावस्या पर भोजन में विशेष रूप से खीर, उड़द की दाल से बने भोज्य पदार्थ, पूड़ी, कद्दू, आलू, फल और दाल-चावल का प्रयोग किया जाता है। भोजन कराने से पहले उचित विधि-विधान का पालन करें और ब्राह्मणों का सम्मान करें।