Sanskrit Village: गांव जहां सभी बोलते हैं फर्राटेदार संस्कृत

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2024 - 10:56 AM (IST)

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Sanskrit Village: संस्कृत को देववाणी कहा गया है और इसे वैज्ञानिक भी कम्प्यूटर के लिहाज से सबसे सटीक भाषा मान चुके हैं। वह बात अलग है कि समय के साथ-साथ इसका प्रचलन भी कम हुआ और लोगों ने इसे पढ़ना भी बंद कर दिया है। हालांकि जो लोग इसे पढ़ने और लिखने में दिलचस्पी रखते हैं, उनका कहना है कि संस्कृत से बेहतर और सरल कोई दूसरी भाषा ही नहीं है।

बावजूद इसके जहां आजकल लोग सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी जुबान को ही प्राथमिकता दे रहे हैं, वहीं एक गांव ऐसा भी है, जहां पर लोग फर्राटे से संस्कृत बोलते हैं। हिन्दू-मुस्लिम, बच्चे-बूढ़े सभी यहां संस्कृत में ही बात करते हैं। ये गांव किसी और देश में नहीं, बल्कि अपने ही देश के कर्नाटक में है। यहां मौजूद मत्तूर गांव में संस्कृत ही मुख्य भाषा है।

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Sanskrit is the common spoken language आम बोलचाल की भाषा है संस्कृत
बताया जाता है कि 1980 से पहले यहां लोग कन्नड़ और दूसरी स्थानीय भाषाएं बोलते थे। इसके बाद यहां संस्कृत भारती संस्था की स्थापना हुई और इस आंदोलन के तहत तय किया गया है कि संस्कृत को यहां व्यवहार की भाषा माना जाए। इसके बाद संस्था ने मिलकर काम किया और पूरा गांव ही संस्कृत में बात करने लगा। बच्चों को यहां बचपन से ही योग और वेद की शिक्षा दी जाती है और वे परंपरागत परिधान में रहते हैं। यहां दूसरे लोग भी संस्कृत सीखने के लिए आते हैं।

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जब यहां के लोग गांव में आने वालों से बात करते हैं तो संस्कृत में ‘कथम अस्ति’ पूछते हैं, यानी आप कैसे हैं ? इसके अलावा अभिवादन के लिए भी संस्कृत का ही इस्तेमाल किया जाता है।

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There is another village like this एक और गांव भी है ऐसा
कर्नाटक के मत्तूर के अलावा मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही संस्कृत ग्राम है। इसका नाम झिरी गांव है, जो राजगढ़ जिले में पड़ता है। यहां 15 साल पहले संस्कृत भारती से जुड़े हुए लोग आए और उन्होंने लोगों को संस्कृत भाषा सिखाई। यहां भी अभिवादन के लिए लोग नमो नम: का इस्तेमाल करते हैं और सामान्य खेती-बाड़ी से लेकर बड़े डिस्कशन भी संस्कृत में ही करते हैं। इन्हें बात करता देखकर लगता है कि हम वैदिक काल में पहुंच गए हैं।

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Content Editor

Prachi Sharma

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