‘मंगल’ लाइफ में कैसे लाता है अमंगल, पढ़ें ज्योतिष की जुबानी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 16, 2021 - 08:58 AM (IST)

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Mangal graha effects: आज मंगल ग्रह के बारे में छोटे बच्चे भी बहुत कुछ जानते हैं। ‘मंगल यान’ और ‘मंगल मिशन’ से आमजन परिचित हैं। इसी साल मंगल ग्रह पर एक छोटा-सा हैलीकाप्टर 1 मिनट की उड़ान भी भर चुका है। खगोल विज्ञान के अनुसार मंगल सूर्य से दूरी में चौथा और सातवां बड़ा ग्रह है। सूर्य से यह 22 करोड़ 79 लाख किलोमीटर दूर है। यहां की मिट्टी लाल है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में इसका उल्लेख बहुत पुराना है।

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Mangal grah astrology : भारत में आम जनता मंगलवार का व्रत रखती है, मांस-मदिरा से परहेज करती है, विवाह संबंधों में मंगलीक जातक के बारे अवश्य विचार किया जाता है। 9 ग्रहों का अपना स्वभाव और अलग-अलग कारक तत्व होते हैं। मंगल ग्रह को सभी ग्रहों के सेनापति का दर्जा मिला हुआ है। इसका शुभ होना जीवन में लक्ष्यों को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाता है। मंगल को पृथ्वी पुत्र कहा जाता है इसलिए यह व्यक्ति को साहसी बनाता है और लक्ष्य की प्राप्ति में साहस की विशेष भूमिका होती है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ भाव में होते हैं ऐसे लोग काफी बुद्धिमान, प्रतापी और ऊर्जावान होते हैं। ज्योतिष में मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह कर्क राशि में ही नीच के और मकर राशि में उच्च राशि के माने जाते हैं।

Mangal ka gochar: कर्क राशि में मंगल का गोचर
ज्योतिष गणना के अनुसार मंगल ग्रह 2 जून को प्रात: 6.39 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश कर चुके हैं। कर्क राशि में मंगल का गोचर 20 जुलाई तक रहेगा। इस बार नवसंवत्सर के राजा और मंत्री दोनों ही मंगल हैं। मंगल पराक्रम का भी कारक ग्रह है तो इस पूरे साल यानी सम्वत 2078 में यह ग्रह अपना विशेष असर दिखाएगा।

Mangal planet in astrology: इस दौरान भारतीय सेना का पराक्रम भी दुनिया को दिखेगा। हालांकि, मंगल को क्रूर ग्रह भी कहा जाता है, इसलिए शनि की दृष्टि पड़ने से देश-दुनिया में आगजनी, भूकम्प, जनविद्रोह और कुछ जगहों पर रक्तपात जैसे गम्भीर हालात भी बन सकते हैं। यह संपत्ति, भूमि, घर, कभी-कभी वाहन और कई इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों का, केबल क्वॉइल और ऊर्जा उन्मुख उपकरणों का भी कारक माना जाता है।

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What happens when Mangal is weak: मंगल लड़कियों की कुंडली में प्रेमी / जीवनसाथी का भी प्रतिनिधित्व करता है। मंगल ग्रह अपनी स्थिति के आधार पर रचनात्मकता और विनाशकारी दोनों ही तरह की ऊर्जाओं को दर्शाता है। सूर्य, चंद्र और बृहस्पति इसके मित्र हैं जबकि बुध, राहू इसके शत्रु हैं। मंगल ग्रह शनि और केतु के साथ तटस्थ संबंध रखता है। यदि मंगल जातक की कुंडली में लाभकारी है तो व्यक्ति बहुत सक्रिय हो जाता है लेकिन यदि कुंडली में मंगल कमजोर है तो व्यक्ति दुर्घटनाओं, ऑप्रेशन, हड्डियों, यकृत की समस्याओं के कारण पिड़ित हो सकता है। मंगल का गोचर घरेलू वातावरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है क्योंकि यह आवेशपूर्ण स्थितियां पैदा कर देता है। मंगल कम्युनिकेशन से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है और आपको असभ्य बना सकता है।

Mangal graha effects: मंगल आपको जल्दबाज बना सकता है और जल्दी गुस्सा दिला सकता है। आप इसके कारण अपने पेशेवर और सामाजिक जीवन में भी बहस करने वाले बन सकते हैं, सम्भवत: यह आपकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकता है। मंगल अशुभ होने से व्यक्ति के स्वभाव और आचरण पर भी प्रभाव पड़ता है। मंगल जब अशुभ होता है तो जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है- भाई-बहनों से संबंध प्रभावित होते हैं, संतान प्राप्ति में बाधा आती है, क्रोध के कारण संबंध और कार्य प्रभावित होते हैं, दाम्पत्य जीवन में तनाव और कलह की स्थिति बनती है। मंगल दोष तलाक का कारण भी बनता है। विवाद की स्थिति बनाता है। व्यक्ति झगड़ा करने को आतुर रहता है।

Mangal graha upay: मंगल के उपाय
मंगल को शुभ बनाना बहुत जरूरी है। मंगल के खराब होने से जॉब, करियर, बिजनैस, लव रिलेशनशिप और दाम्पत्य जीवन में बाधाएं आती है। मंगल ग्रह को ऐसे शुभ बना सकते हैं :
मंगल के दोष को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
बड़े भाई-बहनों से संबंध मधुर रखना चाहिए।
गुड़ खाना चाहिए।
सूर्य भगवान को जल दें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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