खुद को Useless समझने वाले याद रखें ये बात

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 10:21 AM (IST)

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जब तक मनुष्य जिए उसे प्रतिक्षण न सही, प्रतिदिन यह बात अवश्य याद रखनी चाहिए कि उसका जीवन अत्यंत मूल्यवान है। बस केवल इसी एक बात को याद रख वह जीवन का सर्वोत्तम आनंद और संतोष प्राप्त कर सकता है। मनुष्य जीवन मूल्यवान है, यह भावना मनुष्यों में निरंतर बनी रहे तो पशु समान जीवन गुजारने वाला मनुष्य भी जीवन के मूल्यवान होने के सार से परिचित हो जाता है।

एक दिन यह प्रयोग करें कि हमें दिन भर के लिए मन की उस अवस्था में स्थिर रहना है जो दुनिया के दुर्गुणों से निर्लिप्त हो, केवल स्वानंद के अभिसार में रमी रहती है। ऐसी अवस्था को मनुष्य का मन दैनिक जीवन में कई बार महसूस करता है। सांसारिक-शारीरिक होने की भावना से मुक्त इस तरंगावस्था का उत्पादन वास्तव में हमारे किसी वैचारिक प्रयास के बिना स्वयं होता है। इसका संबंध हमारे अवचेतन मन, हमारे पूर्व जन्मों के आध्यात्मिक विश्लेषण और पूर्व जन्म में मृत्यु से कुछ क्षण पूर्व हुए जीवन-मरण के हमारे आत्मज्ञान से होता है।

आत्मविभोर करने वाली यह तरंगावस्था हमारे जीते-जागते जीवन में जब भी उठती है, हम इस पर और इसके बल पर संचारित अपनी भावनाओं पर सहसा विश्वास नहीं कर पाते। हमें भ्रम होता है कि क्या यह हम ही हैं जो इस प्रकार आत्मिक चेतना में रमे हुए हैं और जगत व इसके आकर्षणों को मिथ्या मान उनसे अलग हो रहे हैं? दुर्भाग्य से हम अपनी इस वास्तविक स्थिति और मूल चेतन स्वरूप व्यक्तित्व को असत्य समझकर उससे मुक्त होने और फिर से जीवन-जगत की सामान्य गतिविधियों से जुड़ने को अधिक महत्व देते हैं।

हम सोचते हैं कि हम तो अपने सांसारिक कर्तव्यों से मुंह मोड़ रहे हैं। इस प्रकार हमारा मन जो हमें आत्मचेतना में ले जाकर परमानंद में विलीन करना चाहता है, हम उसका तिरस्कार करते हुए बार-बार मिथ्या भौतिक जगत और इसकी भौतिकी में रमे रहने को आतुर हो उठते हैं।


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Jyoti

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