धर्म और करुणा भारत की पूंजी है

punjabkesari.in Monday, Jul 20, 2020 - 04:56 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन लंदन में आयोजित विश्व शांति सम्मेलन में भाग लेने गए हुए थे। ब्रिटिश शासन के एक मंत्री ने उनसे बातचीत के दौरान कहा, ‘‘जितनी प्रगति पश्चिमी देशों ने की है, भारत ने क्यों नहीं की?’’ 

डा. राधाकृष्णन ने उत्तर दिया, ‘‘यह ठीक है कि पश्चिमी देशों के लोगों ने पक्षियों की तरह आकाश में उडऩा और मछलियों की तरह पानी में तैरना सीख लिया है परंतु मनुष्य की तरह धरती पर प्रेम से रहना वे नहीं सीख सके। प्रेम, करुणा  तथा मानवता की भावना जैसे सद्गुणों की प्रेरणा देने की क्षमता आज भी भारत में ही है। 

डा. राधाकृष्णन ने इन शब्दों को सुनकर ब्रिटिश मंत्री की बोलती बंद हो गई। उसे कहना पड़ा वास्तव में धर्म, अध्यात्म व नैतिक मूल्यों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां अनूठी हैं।  
—शिव कुमार गोयल


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News