ये हैं शिव भक्त रावण के ज्योतिषीय रहस्य, खोले किस्मत के ताले
punjabkesari.in Monday, Apr 18, 2022 - 07:38 AM (IST)
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Ravan Sanhita: रावण संसार का एकमात्र ऐसा व्यक्ति था उसके जैसा न कोई था न दूसरा कोई हो सकता है। राक्षसराज रावण परम शिव भक्त होने के साथ-साथ कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति, वास्तुकला के मर्मज्ञ, तत्व ज्ञानी, बहु-विद्याओं, मायावी शक्तियों, इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू-टोने के जानकार थे। रावण द्वारा रचित रावण संहिता में उन्होंने बहुत सारे ज्योतिषीय रहस्य और उपाय बताएं हैं, जिन्हें अपने जीवन में अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपनी बंद पड़ी किस्मत के ताले खोल सकता है और अपार धन-संपत्ति का स्वामी बन सकता है। धन के साधन प्राप्त करने के लिए 21 दिन तक प्रतिदिन सुबह शुद्ध होकर बरगद के पेड़ के नीचे आसन बिछाकर बैठकर 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा' मंत्र का 1100 बार रुद्राक्ष की माला से जाप करें।
Ravan Sanhita: रावण संसार का एकमात्र ऐसा व्यक्ति था उसके जैसा न कोई था न दूसरा कोई हो सकता है। राक्षसराज रावण परम शिव भक्त होने के साथ-साथ कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति, वास्तुकला के मर्मज्ञ, तत्व ज्ञानी, बहु-विद्याओं, मायावी शक्तियों, इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू-टोने के जानकार थे। रावण द्वारा रचित रावण संहिता में उन्होंने बहुत सारे ज्योतिषीय रहस्य और उपाय बताएं हैं, जिन्हें अपने जीवन में अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपनी बंद पड़ी किस्मत के ताले खोल सकता है और अपार धन-संपत्ति का स्वामी बन सकता है। धन के साधन प्राप्त करने के लिए 21 दिन तक प्रतिदिन सुबह शुद्ध होकर बरगद के पेड़ के नीचे आसन बिछाकर बैठकर 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा' मंत्र का 1100 बार रुद्राक्ष की माला से जाप करें।
कमाई करने में समस्याएं आ रही हैं तो शाम के समय 40 दिन तक 'ओम सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा।' मंत्र का जाप करें।
वेतन न बढ़ रहा हो तो एक कौड़ी अपने पास रखकर कुबेर मंत्र 'ओम यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।' का जाप करें। तीन महीने तक जाप करने के बाद कौड़ी को अपनी तिजोरी या धन स्थान पर रख दें।
10 हजार बार 'ओम नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा।' मंत्र का जाप करने के बाद खोया धन प्राप्त होता है और बैंक का लॉकर भरने लगता है।
अक्षय तृतीया, होली अथवा दीवाली की रात 'ओम ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:।' मंत्र का जाप करने से देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।