Rang Panchami: देवी-देवताओं को प्रसन्न करना हो या कुंडली के ग्रह दोषों का नाश, रंगपंचमी के दिन अवश्य करें ये काम
punjabkesari.in Tuesday, Mar 18, 2025 - 04:21 PM (IST)

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Rang Panchami 2025: चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होकर पंचमी तिथि तक रंगपंचमी मनाई जाती है। 19 मार्च बुधवार को चैत्र मास के कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन को रंगपंचमी के नाम से जाना जाता है। यह होली पर्व का समापन दिवस है, जो देवी-देवताओं को समर्पित है। रंगों के उत्सव होली के 5 दिन बाद ये त्यौहार मनाया जाता है। वैसे तो रंगपंचमी पूरे भारत में पूरे जोर-शोर के साथ मनाई जाती है लेकिन मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में इस पर्व की अलग ही छटा देखने को मिलती है। इस रोज़ विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाने की परंपरा है विशेषकर 'पूरणपोली'।
मान्यता है की इस दिन हवा में अबीर-गुलाल उड़ाने से देवी-देवता आकर्षित होते हैं। वातावरण में सकारात्मकता का प्रवेश होता है। लोक किवंदती के अनुसार जो व्यक्ति इस अबीर-गुलाल का स्पर्श कर लेता है, उसके विचार और स्वभाव से पाप कर्म सदा के लिए नष्ट हो जाते हैं। नकारात्मकता उनके जीवन पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं डाल पाती।
देवी-देवताओं को प्रसन्न करना हो या कुंडली के ग्रह दोषों का नाश, रंगपंचमी के दिन अवश्य करें ये काम-
नहाने के पानी में गंगा जल डालकर नहाएं। साफ-स्वच्छ वस्त्र पहन कर घर के मंदिर में गुलाब की अगरबत्ती लगाएं। मां लक्ष्मी को गुलाब के फूलों की माला पहनाएं। राधा कृष्ण की सात्विक पूजा करें। उनके चित्र अथवा प्रतिमा पर अबीर गुलाल लगाएं। किसी भी सफ़ेद मिठाई का राधा कृष्ण को भोग लगा कर गरीबों में बांट दें।
सरकारी नौकरी या मनपसंद जॉब के लिए ये उपाय करें-
भगवान सूर्य नारायण को जल चढ़ाएं और इस मंत्र का कम से कम एक माला जाप करें ॐ घृणि सूर्याय नमः, तीन प्रदक्षिणा करें। ये क्रम आज से आरंभ करके 40 दिन तक करना है।
जब तक नौकरी न मिल जाए तब तक हर रोज़ गायत्री मंत्र का पाठ करें।
गुलाबी रंग के कपड़े पहन कर राधा कृष्ण के मंदिर जाएं, उन्हें मोर पंख भेंट करें।
ये उपाय गृह-क्लेश को दूर करेंगे-
साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर में गंदगी न रखें।
कच्चे दूध में गंगा जल डालकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। थोड़ा सा जल घर लाकर छिड़काव करें। फिर 7 परिक्रमा करें और वहीं आसन बिछाकर बैठ जाएं ॐ श्री पितृदेवताय नमः मंत्र का अपनी शक्ति के अनुसार जाप करें।
गुड़ का दान करें।